अधर्म पर धर्म, अन्याय पर न्याय और अहंकार पर विनम्रता की विजय का महापर्व विजयादशमी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न

- सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
KC NEWS। सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 17 अक्टूबर से शुरू हुआ शारदीय नवरात्र श्रद्धा भक्ति के साथ संपन्न हो गया। भक्तों ने घरों में कलश स्थपित कर, माता के मंदिरों में मां की उपासना की। रविवार को पूरे विधि-विधान से हवन-पूजा के साथ मां की पूजा संपन्न हुई। इसके साथ ही अधर्म पर धर्म, अन्याय पर न्याय और अहंकार पर विनम्रता की विजय का महापर्व विजयादशमी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हो गया। कोरोना काल में सरकार के जारी गाइड लाइन का पालन किया गया।




पहली बार ऐसा हुआ कि दशहरे पर इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ। बड़े और आकर्षक माता के पंडाल नहीं बनाए गए। कुछ जगहों पर ही परंपरागत तरीके मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित पूजा की गई। रविवार को शहर के राघवनगर दुर्गा मंदिर, हनुमानमंदिर, हनुमान मंदिर स्थित मां दुर्गा के मंदिर, देवरही माता का मंदिर, अहिलवार माता और अमेठी माई के मंदिरों पर भक्तों ने आस्था और विश्वास के साथ मां की आराधना की। रात्रि में भक्त मंदिर-मंदिर पहुंचे और मां का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। हनुमानमंदिर पर प्रसाद के रूप में हवला-पूड़ी का लंगर चला, जहां मां के भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।


राघवनगर देवरिया में आदि शक्ति क्लब, जय माता दी क्लब सहित कई क्लबों ने परंपरागत तरीके से छोटा पंडाल बनाकर मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई। जहां रविवार देर रात तक श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर मां की आराधना की। इस दौरान सुरक्षा को लेकर जगह-जगह पुलिस की निगहबानी रही।