October 22, 2025

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हाजत में पुलिस की पिटाई से लहुलूहान इंजीनियर ने इलाज के दौरान तोड़ा दम


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  • बिहार के नवगछिया पुलिस जिले में पुलिस की एक बड़ी बर्बरता सामने आई
  • भड़के लोगों 6 घंटे तक जाम रखा एनएच-31, गुस्साई भीड़ को कंट्रोल करने में छूटा पुलिस का पसीना
  • एसपी ने थानाध्यक्ष को किया संस्पेंड, बिहपुर थानाध्यक्ष समेत पुलिस टीम पर एफआईआर

KC NEWS। बिहार के नवगछिया पुलिस जिले में पुलिस की एक बड़ी बर्बरता सामने आई है। शनिवार की शाम बिहपुर पुलिस स्टेशन के हाजत में पुलिस की पिटाई से जख्मी 35 वर्षीय युवक आशुतोष पाठक ने रविवार को भागलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। युवक बिहपुर थाना क्षेत्र के मड़वा निवासी वासुकी पाठक का बेटा था। बताया जाता है कि युवक लीवर पेसेंट भी था, जो पेशे से इंजीनियर था। युवक की मौत से गुस्साए सैेकड़ों की संख्या में लोग पुलिस की बर्बरता के खिलाफ रविवार को दोपहर 12 बजे सड़क पर उतर गए। युवक के शव को एनएच-31 पर रखकर जाम कर दिया और पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लोग पुलिस के खिलाफ कार्रवाई, आश्रित को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग करने लगे। जाम की सूचना पर नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार दंगा नियंत्रण वाहन के साथ कई थानों की पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहां एसडीपीओ ने गुस्साए लोगों को समझाने की कोशिश बेकार गई। लोग अपनी मांग अड़े रहे। यह सिलसिला शाम 5 बजे तक चलता रहा। 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी अखिलेश कुमार और एसडीपीओ साकारात्मक आश्वासन के बाद लोग शांत हुए। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेजा। जाम के दौरान एनएच पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थीं, पूरी तरह से यातायात ठप रहा, जो देर शाम जाम समाप्त होने के बाद बहाल हुआ। जाम स्थल पर पुलिस बल के साथ हेड क्वार्टर डीएसपी मो. असरार अहमद, खरीक थानाध्यक्ष पंकज कुमार, नदी थानाध्यक्ष मकबूल अहमद, झंडापुर ओपी प्रभारी शिव प्रसाद रमानी, भवानीपुर ओपी प्रभारी नीरज कुमार समेत कई थाने के पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

घटना के एक-एक प्वाइंटों की निष्पक्षता से जांच होगी, किसी भी कीमत पर दोषी बख्शे नहीं जाएंगे : एसपी

उधर, खबर है कि इस घटना के बाद नवगछिया पुलिस जिले की एसपी स्वपना मेश्राम ने बिहपुर थानाध्यक्ष रणजीत कुमार को सस्पेंड कर खुद मामले की मॉनिटरिंग कर रही हैं। घटना के बावत चाचा प्रफुल्ल पाठक की तहरीर पर पुलिस जिले की पुलिस ने झंडापुर ओपी में बिहपुर थानाध्यक्ष रणजीत कुमार समेत पुलिस जीप के निजी चालक सहित घटना के वक्त मौजूद पूरी पुलिस टीम के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। एसपी ने जारी अपने बयान में कहा है कि इस मामले में घटना के एक-एक प्वाइंटों की पूरी निष्पक्षता से जांच होगी। किसी भी कीमत पर दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। इस मामले में प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है। तीन चिकित्सकों की मेडिकल टीम से शव का पोस्टमार्टम कराया गया और वीडियोग्राफी भी कराई गई। हर हाल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

लोगों से बात करते पुलिस और प्रशासन के अफसर।

वाहन चेंकिग के दौरान बाइक से जा रहे युवक को पुलिस ने रोका था

खबर है कि शनिवार को बिहपुर पुलिस ने एनएच-31 स्थित महंत चौक के समीप वाहनों की चेकिंग कर रही थी। उस दौरान युवक आशुतोष पाठक उधर से गुजर रहा था, जिसे पुलिस ने रोका। उस दौरान थानाध्यक्ष रणजीत कुमार और युवक के बीच बकझक होने लगी और देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस दौरान पुलिस बाइक सवार युवक के साथ बात-बात में गालीगलोज और अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग करने लगी। इसपर युवक ने कानून का हवाला देते हुए विरोध किया। बाबजूद पुलिस गालीगलौज करती रही। यह देख युवक ने अपनी आपा खो दिया और पुलिस के साथ भिड़ गया और हाथापाई शुरू हो गई। इस पर पुलिस भी अपने पुलिसिया अंदाज में आ गई और युवक की पिटाई करते हुए पुलिस जीम से थाने ले गई।

आशुतोष पेशे था इंजीनियर, बीमारी के कारण कुछ दिनों घर ही रह रहा था

बताया जाता है कि मड़वा निवासी मृतक युवक आशुतोष पाठक लीवर की बीमारी से पीड़ित था, जिसका इलाज चल रहा था। वह पेशे से इंजीनियर था। बीमारी के कारण अभी वह घर पर ही रह रहा था। इससे वर्तमान मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं था। दो वर्ष पूर्व ही शादी हुई थी और उसे एक एक वर्ष की बेटी है। माता-पिता का देहांत हो चुका है। घटना के बाद से पत्नी स्नेहा पाठक समेत पूरे परिवार के रो-रोकर बेहाल हैं।

युवक के चाचा ने कहा-सूचना पर जब थाने पहुंचा तो पुलिस ने मिलने नहीं दिया, हाजत में उसे नंगा कर पुलिस पीटती रही

पुलिस को दी गई गई तहरीर में युवक के चाचा प्रफुल्ल पाठक ने इस बात का उल्लेख किया है कि उनका आशुतोष पाठक अपनी पत्नी स्नेहा पाठक व एक वर्षीया बेटी मारवी पाठक के साथ भ्रमरपुर दुर्गा मंदिर पूजा-अर्चना कर बाइक से अपने पैतृक गांव मड़वा लौट रहा था। उसी दौरान महंथ चौक के समीप पूर्व से सादे लिबास में मौजूद पुलिस टीम जबरन उसे रोक कर गालीगलोज करने लगी। विरोध करने पर थानाध्यक्ष रणजीत कुमार समेत चालक व अन्य पुलिस टीम में शामिल पुलिस कर्मी ( जिसका नाम नहीं जानता हूं) ने लाठी-डंडे व हथियार के कुंडे से पीटते हुए थाने ले गई। आशुतोष के चचेरे भाई दिलखुश पाठक ने पूरे घटनाक्रम को देखा और पूरे मामले की जानकारी घर पहुंचकर दी। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों के साथ थाने पहुंचा, वहां थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिस कर्मीयों ने मिलने तक नहीं दिया। इस दौरान भतीजे को थाने में नंगा कर थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिस कर्मी उसे पीटते रहे। जब वह मरणासन्न की स्थिति में चला गया, तब उसे देर शाम छोड़ा। भतीजा खून से पूरी तरह लथ-पथ और बेहोश था। उसे बिहपुर के निजी क्लीनिक के बाद भागलपुर के एक निजी क्लीनिक लेकर गया। वहां से चिकित्सक ने  मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

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