मशरूम उगाकर आत्मनिर्भर बनेंगी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, स्वरोजगार से बढ़ेगा सम्मान
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महिलाओं के आत्म-सम्मान और आत्मनिभर्रता को लेकर डीएम ने की पहल
- डीएम ने कहा-कम खर्च में उगाया जा सकता है मशरुम, स्वरोजगार से बढ़ेगी आय
- स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से क्रय कर विद्यालयों में की जाएगी आपूर्ति
- महालक्ष्मी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, देवरिया से हुआ करार, एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर
KC NEWS। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं मशरूम उगाएंगी। स्वरोजगार से जहां इनका सम्मान बढ़ेगा, वहीं आत्मनिर्भर बनने की इनकी राह भी आसान होगी। इसको लेकर मिशन शक्ति के तहत डीएम ने अनूठी पहल की है और इसके लिए बाजार भी उपलब्ध कराया है। डीएम अमित किशोर ने कहा कि कम खर्च में मशरूम उगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है। इस स्वरोजगार से जहां स्वयं सहायता समू ह मजबूत होगा, वहीं इससे जुड़ी महिलाओं की आय बढ़ेगी। इससे उनकी आत्मनिर्भरता की राह भी आसान होगी और परिवार व समाज में उनका सम्मान भी बढ़ेगा। महालक्ष्मी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, देवरिया से जिला प्रशासन ने एमओयू पर हुआ हस्तक्षर कर करार कर लिया गया है। मशरूम को बेसिक शिक्षा के विद्यालयों के मध्याह्न भोजन में शामिल कर दिया गया है। इसे बच्चों को भोजन में परोसा जाएगा। इस पहल से बच्चों को जहां पौष्टिक आहार मिलेगा, वहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्म-सम्मान से आत्मनिर्भता की ओर आगे बढ़ेंगी। डीएम मंगलवार को विकास भवन के गांधी सभागार में मिशन शक्ति के तहत आयांजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। बताया गया कि इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जीएन हैं, जिनके निर्देशन में इस पहल की शुरुआत जनपद में की गई। कार्यक्रम में उप निदेशक कृषि डाॅ. एके मिश्र, जिला विकास अधिकारी श्रीकृष्ण पाण्डेय, डीसी मनरेगा गजेन्द्र त्रिपाठी, रजनीश, स्वतंत्र सिंह, स्वयं सहायता समूह की महिलायें सहित अन्य उपस्थित रहे।
डीएम ने कहा-स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी और बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा
इससे पहले महिला सशक्तिकरण की दिशा में आयोजित उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके बाद हस्ताक्षरित एमओयू संस्था महालक्ष्मी प्रोड्यूसर कम्पनी को उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर डीएम ने कहा कि यह एक नया कीर्तिमान जनपद में स्थापित हो रहा है। इस पहल से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा। इसके माध्यम से मध्याह्न भोजन में यह सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ गुणवत्तापूर्ण पोषण खाना बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के बच्चों को मिलेगा। उन्होने यह भी कहा कि आइसीडीएस द्वारा हाटकुक प्रोवाइड करने में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जाएगा। मशरुम को मध्याह्न भोजन में सम्मिलित करने की शुरुआत इस जनपद में हो रही है, यह बहुत ही अच्छा कार्य है। बेसिक शिक्षा अधिकारी इसे सभी स्कूलों में जोड़ने के लिए कार्य करेंगे। मशरुम में पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है, जो स्वास्थ्य के लिये काफी उपयोगी होता है।
डीएम ने कहा-किसान पराली व फसल अवशेष का उपयोग मशरुम उगाने में करें और अपनी आय बढ़ाएं
इस दौरान डीएम ने कहा कि मशरुम की खेती बहुत कम खर्च में की जा सकती है। इसको उगाने के लिये फसल अवशेष व पराली व भूसे को उपयोग में लाया जाता है। पराली आदि के प्रयोग करने से कृषकों के जहां फसल अवशेष का समुचित प्रबंधन होगा, वहीं उनकी मशरुम उगाने से आय भी बढ़ेगी। उन्होंने इसे ग्राम स्तर पर पहुंचाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि कृषक अपने फसल अवशेष पराली आदि का प्रबंधन कर इसे उगाये और पराली आदि को जलाने से बचें। मशरुम उगाने में उसका उपयोग कर अपनी आय को बढ़ाएं।
पहले फेज में देसही देवरिया ब्लाक के बेसिक शिक्षा के 100 विद्यालय चिह्नित
ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट/उपायुक्त एनआरएलएम ने बताया कि प्रथम फेज में देसही देवरिया ब्लाक के बेसिक शिक्षा के 100 विद्यालयों को चिह्नित किया गया है, जहां स्वयं सहायता समूहों द्वारा उगाये गये मशरूम को संस्था महालक्ष्मी प्रोड्यूसर द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। दूसरे चरण में 8 ब्लाकों के स्कूलों को आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है और तीसरे चरण में शेष सभी ब्लाकों के स्कूलों में मशरूम मध्याह्न भोजन में सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसे उगायेगी और संस्था द्वारा उसे क्रय किया जायेगा और स्कूलों को उपलब्ध कराया जायेगा। इस आय से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में आत्मनिर्भरता आयेगी और उनमें स्वालम्बन के साथ-साथ आत्मसम्मान भी विकसित होगा।
शुक्रवार के दिन मशरूम को मीनू में सम्मिलित कर बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा
बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि यह एक पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में है। बेसिक स्कूलों के निर्धारित प्रतिदिन के मीनू में शुक्रवार के दिन मशरूम को मीनू में सम्मिलित कर बच्चों को उपलब्ध कराया जायेगा। फीडबैक के आधार पर पूरे जनपद में इसे लागू किया जायेगा। महालक्ष्मी प्रोड्यूसर के प्रोपराइटर सुधाकर ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने का कार्य भी इस संस्था द्वारा किया जायेगा। साथ ही उन्हें बीज आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी व उनके द्वारा उगाये मशरुम को संस्था क्रय कर विद्यालयों में आपूर्ति की जाएगी, जिसका उपयोग मध्याह्न भोजन के मीनू में किया जायेगा।