गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश लगातार तीन वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है : गन्ना मंत्री
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- प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में सरकार के साढ़े तीन वर्ष की उपलब्धियों को गिनाया
- कहा- किसानों की आय दोगुनी करने की ओर प्रदेश सरकार ने गति के साथ बढ़ाये कदम, प्रदेश में लगभग 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान
KC NEWS। प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समृद्धि और चीनी उद्योग में स्थिरता लाये जाने की दिशा में पूर्ण कौशल और आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प किसानों की आय दोगुनी करने की ओर प्रदेश सरकार ने गति के साथ कदम बढ़ाये हैं। वह गुरुवार को लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में सरकार के साढ़े तीन वर्ष की उपलब्धियों को गिना रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गन्ना एक महत्वपूर्ण नगदी फसल है। प्रदेश में करीब 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान है। करीब 67 लाख गन्ना किसान गन्ना समितियों एवं चीनी मिल समितियों में पंजीकृत हैं। गन्ना इन 67 लाख गन्ना किसानों के लगभग 3 करोड 35 लाख परिवारों की जीविका का आधार एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। कहा कि गन्ना विभाग ने प्रदेश की कुल जीडीपी में 8.45 प्रतिशत एवं कृषि क्षेत्र की जीडीपी में 20.18 प्रतिशत का योगदान दिया है। देश के कुल चीनी उत्पादन का 47 प्रतिशत एवं गन्ना क्षेत्रफल का 59 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश का है। गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश लगातार तीनवर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है। एथनाॅल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के लिए ऑयल कम्पनियों को एथनाॅल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। वर्ष 2019-20 में लगभग 70 करोड़ लीटर एथनाॅल आपूर्ति की गयी है। इसके साथ ही गन्ना मंत्री ने प्रदेश सरकारी की अन्य उपलब्धियाें का भी उल्लेख किया।
साढ़े तीन वर्षों में रिकाॅर्ड 1,12,829 करोड़ रुपए से अधिक का हुआ भुगतान
गन्ना मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के मात्र साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में रिकाॅर्ड 1,12,829 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान हुआ है, जो अब तक इतनी कम अवधि में किये गये भुगतान में सर्वाधिक है। सरकार द्वारा विगत साढे़ तीन वर्ष की अवधि में किसानों को कुल 1,12,829 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। इसके पूर्व के 3 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 53,367 करोड़ रुपए से 59,462 करोड़ रुपए अधिक तथा 5 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 95,215 करोड़ रुपए से 17,614 करोड़ अधिक है। लाॅकडाउन अवधि में चीनी मिलों में चीनी बिक्री आदि अत्यंत कम हो जाने के बावजूद इस अवधि में भी गन्ना किसानों को 5,954 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा 3,262 लाख टन गन्ने की पेराई की
गन्ना मंत्री ने कहा कि गत साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा 3,262 लाख टन गन्ने की पेराई की गई है, जो विगत सरकार के 04 वर्षों की कुल गन्ना पेराई से 2,907 लाख टन से 355 लाख टन अधिक है। विगत साढ़े तीन वर्षों में गन्ना उत्पादकता में 8.72 टन प्रति हेक्टेअर की वृद्धि हुई। वर्ष 2016-17 की गन्ना उत्पादकता 72.38 टन प्रति हेक्टेअर से बढ़कर अब 81.10 टन प्रति हेक्टेअर हो चुकी है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 एवं 2019-20 में 365 लाख टन चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ, जो इससे पूर्व के तीन वर्षों के कुल चीनी उत्पादन 211 लाख टन से भी 154 लाख टन अधिक है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में गन्ना क्षेत्रफल में 6.86 लाख हेक्टेअर की वृद्धि हुई। गन्ना क्षेत्रफल वर्ष 2016-17 के 20.54 लाख हेक्टेअर से बढ़कर अब 27.40 लाख हेक्टेअर हो चुका है।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने को बड चिप विधि से गन्ने की पौध तैयार करने का दिया जा रहा प्रशिक्षण
गन्ना मंत्री ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए बड चिप विधि से गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद यह महिलायें पौध की बिक्री कर आय अर्जित कर सकेंगी। उन्होंने प्रदेश के 36 जिलों में 812 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिनमें 9,117 ग्रामीण क्षेत्र की महिला उद्यमी पंजीकृत हैं। जिनमें से 8,932 महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। महिला समूहों द्वारा अब तक 3.51 करोड़ सीडलिंग की स्थापना की गयी है, जिनकी बिक्री से महिला समूहों को रु.10.53 करोड प्राप्त होंगे। कृषकों को 3.11 करोड़ सीडलिंग का वितरण महिला समूहों द्वारा किया जा चुका है, जिसके माध्यम से महिला उद्मियों को रु.9.33 करोड की प्राप्ति हुई है। गन्ना खेती में लागत को कम करने के उद्देश्य से यंत्रीकरण को बढावा देने हेतु गन्ना समितियों मे फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश की 126 सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं चीनी मिल समितियों में फसल अवशेषों के प्रबंधन हेतु ट्रैश मल्चर एवं मोल्डबोल्ड प्लाऊ सहित 378 फसल अवषेष प्रबंधन के कृषि यंत्रों की उपलब्धता में फाॅर्म मशीनरी बैंक स्थापित एवं संचालित। गन्ने की सूखी पत्तियों को जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान से बचा जा सकेगा तथा मृदा की उर्वरता भी बढ़ेगी। भविष्य में फार्म मशीनरी बैंक योजना के अन्तर्गत गन्ना के खेती में उपयोग में आने वाले 12 प्रकार के 35 कृषि यंत्रों को सहकारी गन्ना समिति एवं चीनी मिल समितियों में उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही गन्ना मंत्री जी ने अन्य उपलब्धियां बताई।