रेलवे अंडरपास में पानी, घंटों फंसा रहा आक्सीजन सिलेंडर लेकर जा रहा एंबुलेंस
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बाढ़ न बरसात…मालदा रेल डीविजन के अफसरों की अनदेखी से हर दिन त्राहिमाम कर रही जनता
- मालदा डीविजन में कमाऊ रेलवे स्टेशन में शुमार है पीरपैंती रेलवे स्टेशन का नाम
- रेल के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1918-19 में पीरपैंती रेलवे स्टेशन से रेल ने पार्सल, लोडिंग और यात्री भाड़ा से किया था करीब 83 करोड़ 40 लाख 59 हजार रुपए का इनकम
KC NEWS/बिहार
बिहार के भागलपुर जिले की पीरपैंती ब्लॉक से बड़ी खबर है। कोरोना संकट काल में मिर्जाचौकी स्थित किसी मरीज का आक्सीजन लेबल डाउन होने की खबर पर आक्सीजन सिलेंडर लेकर जा रहा सरकारी एंबुलेंस घंटों मंजरोही अंडरपास में जमा पानी में फंसा रहा। आनन-फानन में दूसरे एंबुलेंस से किसी तरह भेजने की व्यव्स्था करनी पड़ी। यह घटना गुरुवार की बताई गई है। यह कहा जा रहा है कि बाढ़ न बरसात…हर साल बाढ़-सुखाड़ की मार झेलने वाली यहां की जनता इस समय हर दिन मालदा रेल डीविजन के आला अधिकारियाें की अनदेखी से त्राहिमाम कर रही है। शुक्रवार को घटना के सुर्खियों में आने के बाद स्थानीय प्रशासन एक्टिव हुआ। पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे बीडीओ-सीओ अरुण गुप्ता ने स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने बताया कि प्रखण्ड, थाना आने-जाने का एकमात्र रास्ता अंडरपास ही है। दो दिन पहले हुई बारिश के कारण यहां पानी भरा हुआ है। इसके निकलवाने की जिम्मेदारी रेलवे की है। रेलवे के अभियंता और साइड इंचार्ज का यहां कोई पता नहीं है, इनका फोन भी बंद मिला। आगे की कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारियों को वर्तमान हालात से अवगत कराया जाएगा।
12 जनवरी 2020 को ध्वस्त हुआ था 114 साल पुराना उल्टापुल, रेलवे ने बनाया था अंडरपास
दोहरीकरण में बाधा आ रहे 114 साल पुराना उल्टापुल को रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग ने 12 जनवरी 2020 को ध्वस्त कर दिया था। इसके साथ ही उसी जगह पर एक वर्ष में नया पुल देने की शर्त पर रेल पुल निर्माण विभाग ने कार्य शुरू कर तबतक लोगों को आने-जाने के लिए मंजोरही के पास अंडर पास बना दिया। अब ये अंडरपास लोगों के लिए खतरनाक बन गया है। हल्की बारिश में भी यह अंडरपास लबालब भर जाता है। यहां के लोगों की मानें तो यह रोज की समस्या हो गई है। इस अंडरपास में कभी भी लोगों की जान जा सकती है। इस घटना के बाद केंद्रीय रेल यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान ने कहा कि मालदा रेल मंडल के वरीय अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कार्य बंद पड़ा है। 7 फरवरी के महाधरना में रेल अधिकारी ने मई तक कार्य पूर्ण करने का वादा किया था पर अब तक कार्यं पूरा नहीं हुआ। प्रदेश में लॉकडाउन खत्म होते ही उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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29 पंचायतों वाले ब्लॉक की 14 पंचायतों की करीब एक लाख से अधिक की आबादी के सामने संकट
बताया जाता है कि रेलवे की अनदेखी के कारण 29 पंचायतों वाले ब्लॉक की 14 पंचायतों की करीब एक लाख से अधिक की आबादी के सामने 100 फिट की दूरी पार करने के लिए पांच किलोमीटर घूमकर अंडरपास से होकर आने-जाने की लाचारी है। यहां हर दिन भारी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। हास्यास्पद तो यह है कि इस घटना के बाद लोगों ने मालदा रेल डीविजन के आला अधिकारियाें को जब फोनकर घटना की जानकारी दी कि आरओबी 91 टूटने के 16 माह बाद भी अधर में है। पुल निर्माण कार्य को रेलवे का पुल निर्माण विभाग पूरा कर नहीं पाया, जबकि एक साल में ही निर्माण कार्य पूरा कर लेना था। पुल नहीं बनने से लोगों को हर दिन संकट झेलना पड़ रहा है…तो इसके जवाब में रेल अधिकारियों ने कहा कि उन्हें तो इसके बारे में कुछ पता ही नहीं। अब ऐसे में अधर में लटके कार्य का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वह भी तब, जब मालदा डीविजन में कमाऊ रेलवे स्टेशन में शुमार पीरपैंती रेलवे स्टेशन का नाम आता है। रेल विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1918-19 में इस रेलवे स्टेशन से रेल ने पार्सल, लोडिंग और यात्री भाड़ा से साल भर में करीब 83 करोड़ 40 लाख 59 हजार रुपए का इनकम किया था।
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