November 23, 2024

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UP : राहत देने वाली खबर, सरकारी सभी अस्पतालों की बंद ओपीडी अब चालू होगी


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कोरोना संकट उबर रहे यूपी की जनता को राहत देने वाली खबर है। 15 अप्रैल के बाद से एक-एक कर बंद सरकारी अस्पतालों की ओपीडी अब चालू होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश में स्थिति तेजी से बेहतर हो रही है। प्रदेश के 64 जिलों में 600 से कम एक्टिव केस रह गए हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी का प्रारंभ किया जाए। ओपीडी में आने के लिए मरीज का समय पूर्व निर्धारित हो। अपॉइंटमेंट सिस्टम अनावश्यक भीड़ को रोकने में कारगर होगा। इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे जारी रखी जाएं।

बुधवार को मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से आहूत उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम के साथ प्रदेश में कोविड की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उधर, खबर है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमितमोहन प्रसाद ने देर शाम विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। कोविड अस्पताल में तब्दील सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कोविड संक्रमित मरीज जिला मुख्यालय पर बने एल 2 अस्पताल में ट्रांसफर होंगे।

जारी गाइडलाइन के मुताबिक 4 जून से सभी मंडल, जिला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का उपचार शुरू हो जाएगा। इन अस्पतालों में फीवर क्लीनिक और फ्लू क्लीनिक अनिवार्य रूप से बनाई जाएगी। जिन मरीजों में कोरोना के लक्ष्ण होंगे उनकी जांच करा कराई जाएगी। पॉजिटिव होने पर उनका उपचार अन्य मरीजों से अलग किया जाएगा।

ओपीडी में आने वाले मरीजों को जरूरत के मुताबिक भर्ती कर सर्जरी शुरू की जाएगी। जो मरीज लंबे समय से सर्जरी के इंतजार में है उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन सर्जरी से पहले कोविड की जांच अनिवार्य है। जिन अस्पतालों में प्रसव होता रहा है वहां की व्यवस्थाएं पहले की तरह फिर से शुरू की जाएंगी। सभी उपकेंद्रों में फिर से टीकाकरण सहित अन्य गतिविधियों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

जानें मुख्यमंत्री ने क्या कहा…

  • कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में उत्तर प्रदेश की स्थिति लगातार बहुत अच्छी हो रही है। सतत प्रयासों से अब पूरे प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है। वर्तमान में 28,694 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। अब तक 16 लाख 44 हजार 511 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। हमारा रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है।
  • उत्तर प्रदेश ने आज 05 करोड़ कोविड टेस्टिंग का नया कीर्तिमान बनाया है। इतने कोविड टेस्ट किसी भी अन्य राज्य द्वारा नहीं किये गए। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में ट्रेसिंग-टेस्टिंग के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश ने प्रारंभ से ही एग्रेसिव होने की नीति अपनाई है। यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। विगत 24 घंटे में कुल 3,31,511 टेस्ट किए गए, जबकि 1514 नए केस की पुष्टि हुई है और 4,439 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
  • कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है। 45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अब तक 1,51,81,813 लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि 35,05,573 लोग वैक्सीन के दोनों डोज से आच्छादित हो चुके हैं। इस प्रकार प्रदेश में अब तक वैक्सीन के कुल 1 करोड़ 86 लाख 87 हजार 386 डोज एडमिनिस्टर किए जा चुके हैं।
  • एक जून से प्रारंभ सभी 75 जिलों में 18+ आयु के टीकाकरण अभियान में लोगों की भागीदारी उत्साहजनक है। इस महाभियान के पहले दिन एक जून को साढ़े 05 हजार सेंटरों पर 3,42,000 से अधिक लोगों ने वैक्सीन का सुरक्षा-कवर प्रॉप्त किया। इस क्रम को और बेहतर किया जाए।
  • सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन निःशुल्क है। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की गई है। वेटिंग एरिया और ऑब्जर्वेशन एरिया की समुचित व्यवस्था हो।लोगों को कम से कम समय तक प्रतीक्षारत रहना पड़े। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस महाभियान को सफल बनाएं।
  • सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर के सुदृढ़ीकरण का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य बेहतर प्लानिंग के साथ समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए। इस कार्य की नियमित समीक्षा भी की जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी प्राप्त किया जाए। सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर के सुदृढ़ीकरण के साथ ही, इन केन्द्रों पर चिकित्सक, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं।
  • बेड की संख्या में वृद्धि के साथ पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) तथा नियोनेटल आईसीयू (नीकू) की स्थापना की कार्यवाही समयबद्ध ढंग से की जाए। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण के अनुभव का उपयोग करते हुए इन कार्यों को आगे बढ़ाया जाए।
  • कोरोना वैक्सीन इस महामारी के विरुद्ध एक सुरक्षा कवच है। वैक्सीनेशन की कार्यवाही सुव्यवस्थित ढंग से संचालित की जाए। वैक्सीनेशन सेण्टर पर किसी भी दशा में भीड़-भाड़ नहीं होनी चाहिए तथा कोविड प्रोटोकॉल का आवश्यक रूप से पूर्णतया पालन होना चाहिए। भीड़-भाड़ से बचने के लिए वेटिंग एरिया तथा ऑब्जर्वेशन एरिया की व्यवस्था अवश्य हो। उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेण्टर पर बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है। कोरोना वैक्सीनेशन हेतु स्थापित सभी केन्द्र निरन्तर संचालित रहें। कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर संचालित की जाए।
  • स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही पूरी सक्रियता से जारी रखी जाए। व्यापक रूप से स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य हेतु फायर ब्रिगेड तथा गन्ना विभाग के वाहनों एवं मशीनों का उपयोग किया जाए। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की व्यापक कार्यवाही कोरोना सहित सभी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम में सहायक है।
  • ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति और खर्च में संतुलन बनाने के लिए कराए जा रहे ऑक्सीजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं। सतत नियोजित प्रयासों का ही परिणाम है कि आज अधिकांश मेडिकल कॉलेजों और रिफिलर्स के पास में 03 से 04 दिन का ऑक्सीजन बैकअप हो गया है। बीते 24 घंटों में 454.7 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है। औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सिजन के उपयोग की अनुमति दी जा चुकी है। इन गतिविधियों को सुचारू रखा जाए
  • कोविड की तीसरी लहर से बचाव की तैयारी के क्रम में मानव संसाधन का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण जारी है। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग भी शुरू हो चुका है। यह कार्य यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए। सुविधानुसार भौतिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।

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