कार्रवाई की जद में मिशन कायाकल्प योजना के प्रति लापरवाह खंड शिक्षा अधिकारी
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कार्रवाई की जद में आ सकते हैं, मिशन कायाकल्प योजना के प्रति लापरवाह खंड शिक्षा अधिकारी। खबर यूपी के देवरिया जनपद से है। यहां मिशन कायाकल्प योजना के प्रति बड़ी लापरवाही सामने आई है। जनपद के रुद्रपुर, बरहज और भाटपाररानी में सरकार की मंशा के अनरूप जमीन पर कार्य नहीं पाए गए हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब मंगलवार को डीएम आशुतोष निरंजन बेसिक शिक्षा विभाग की गठित टास्क फोर्स की बैठक में योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
समीक्षा में विद्यालयों में विद्युतीकरण कार्य, ई-पाठशाला और वैसे विद्यालय, जिनमें बाउंड्रीवाल की आवश्यकता हो, वहां मनरेगा से निर्माण कराने पर जोर दिया गया। गूगल मीट के जरिए आहूत बैठक में सीडीओ शिव शरणप्पा जी एन, पीडी संजय पाण्डेय, डीडीओ श्रवण कुमार राय, बीएसए सन्तोष कुमार राय, खंड शिक्षा अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी, कर्मचारी शामिल रहे।
नाराज डीएम ने बीएसए को दिया कड़ा टास्क
खबर है कि कायाकल्प योजना की समीक्षा में खराब प्रदर्शन से नाराज डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को कड़ा टास्क दिया है। डीएम ने बीएसए को निर्देश दिया है कि वे क्षेत्रों में खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजें और वे स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति का जायजा लें और अपनी रिपोर्ट तीन दिन के अन्दर प्रस्तुत करें। बीएसए को हिदायत दी है कि ऐसा नहीं करने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट करने की कार्यवाही करें। खंड शिक्षाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को डीएम ने कार्य की प्रगति में सुधार लाए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि कायाकल्प के जिन कार्यों की प्रगति कम है, उसमें विशेष रुप से ध्यान देकर उसे पूर्ण कराएं। डीएम ने कहा कि किसी भी स्तर पर शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
बच्चों तक हर हाल में पहुंचाया जाएं ई-पाठशाला से जुड़े इवेंट
स्कूलों में विद्युतीकरण कार्य की समीक्षा में सीडीओ से कहा कि वे बीएसए, डीपीआरओ, अधिशासी अभियंता विद्युत की संयुक्त बैठक कर समीक्षा करें और प्रगति की अपडेट रिपोर्ट रखें, जहां कमी हो, उसमें तेजी से कार्य कराते हुए कार्य को पूर्ण कराया जाए। इसी तरह नगरीय परिषदीय विद्यालयों के भी कार्यों को खंड शिक्षा अधिकारी व अधिशासी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ उसे कराएं। डीएम ने कहा कि वैसे विद्यालय, जिनमें बाउंड्रीवाल की आवश्यकता हो, उसका निर्माण मनरेगा से कराया जाए। ई-पाठशाला को प्रभावी बनाया जाए। इससे जुड़े जो भी इवेंट प्राप्त हो उसे बच्चों तक हर हाल में पहुंचाएं जाएं।
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