प्राइवेट कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, 1 अक्टूबर से होगा फायदा
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मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लेबर कोड के नियमों को लागू कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोदी सराकर 1 जुलाई से लेबर कोड के नियमों के लागू करना चाहती थी लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण अब 1 अक्टूबर से लागू करने का टारगेट रखा गया है। 1 अक्टूबर से लेबर कोड के नियमों को माना जाता है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15000 रुपये से बढ़कर 21000 रुपये हो सकती है।
दरअसल, लेबर कोड के नियमों को लेकर लेबर यूनियन मांग कर रही थी कि कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी को बढ़ाकर 15000 रुपये से 21000 रुपये किया जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो आपका वेतन बढ़ जाएगा।
बदल जाएगा सैलरी का स्ट्रक्चर
दरअसल, श्रम संगठन यह मांग कर रहे थे कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का स्ट्रक्चर नये श्रम कानून लागू होने के बाद बदल जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो आपकी सैलरी बढ़ जाएगी। नये श्रम कानून के मुताबिक, बैसिक सैलरी कुल सैलरी का 50 फीसदी या उससे अधिक हो सकती है। इससे बहुत से कर्मचारियों की सैलरी का स्ट्रक्चर बदल जाएगा। लेकिन आपकी टेक-होम सैलरी घट जाएगी। वहीं, पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़कर मिलेंगे। नये श्रम कानूनों में श्रमिक संगठन इस बात के लिए विरोध कर रहे थे। उनकी मांग थी कि कर्मचारियों के बेसिक सैलरी बढ़कर 21,000 रुपये की जानी चाहिए।
रिटायरमेंट पर मिलेगी मोटी रकम
पीएफ और ग्रेच्युटी में इजाफा होने पर रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को ज्यादा पैसे मिलेंगे। लेकिन, पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों का लागत बढ़ जाएगी, क्योंकि कंपनियों को अपने कर्मचारियों को उतना ही पीएफ का पैसा जमा करना होगा जो कर्मचारी का अंशदान होगा। इसका कंपनियों की बैलेंस शीट पर असर होगा।