बच्चों के लिए पहला कोरोना टीका, 12+ के लिए जायडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी
Notice: Trying to get property 'post_excerpt' of non-object in /home/u305984835/domains/khabarichiraiya.com/public_html/wp-content/themes/newsphere/inc/hooks/hook-single-header.php on line 67
पूरी दुनिया में अभी कोरोना से जंग खत्म नहीं हुई है। इस महामारी से जारी लड़ाई के बीच खुशखबरी भी आई है। 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए भी वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने जायडस कैडिला वैक्सीन के आपातकाल इस्तेमाल की इजाजत दी है। यह दुनिया की पहली भारत में बनी कोविड-19 वैक्सीन है जो डीएनए पर आधारित है। यह वैक्सीन व्यस्कों के अलावा 12 साल से ज्यादा के उम्र के बच्चों को लगाई जाएगी।
इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद देश में अब कोरोना के खिलाफ 6 वैक्सीन से लोगों को सुरक्षा दी जा सकेगी। कंपनी ने कहा कि उसकी सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है। कंपनी ने वैक्सीन का स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है। कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में सूचीबद्ध जेनेरिक दवा निर्माता ने 1 जुलाई को ZyCoV-D के प्राधिकरण के लिए आवेदन किया था। वैक्सीन का ट्रायल 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों पर किया गया है। परीक्षण में इसकी प्रभावकारिता 66.6 प्रतिशत आकी गई है।
ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है। यह वायरस से आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है। बॉयोटेक्नलॉजी विभाग के साथ साझेदारी में विकसित Zydus Cadila का टीका, भारत बायोटेक के Covaxin के बाद भारत में आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त करने वाला दूसरा घरेलू शॉट है।
दवा निर्माता ने जुलाई में कहा था कि उसका COVID-19 वैक्सीन नए कोरोनावायरस म्यूटेंट, विशेष रूप से डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है, और यह शॉट पारंपरिक सीरिंज के विपरीत सुई-मुक्त ऐप्लिकेटर का उपयोग करके प्रशासित किया जाता है।
यह भी पढ़ें…
आगे की खबरों के लिए आप हमारे Website पर बने रहें…