Ford सहित सात Auto फर्म बाहर, आखिर क्यों भारत छोड़ रहीं कंपनियां?
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अमेरिकी कंपनी फोर्ड ने भी आखिरकार भारत से अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया है. इसके साथ ही पिछले पांच साल के भीतर भारत से फोर्ड, हार्ले डेविडसन, फिएट, मान, पोलारिस, जनरल मोटर्स, यूनाइटेड मोटर्स मोटरसाइकिल्स जैसी सात प्रमुख ऑटो कंपनियां बाहर हो गई है।
भारत से कारोबार समेटने वालों में तीन अमेरिकी कंपनियां है। वैसे तो कंपनियों के कारोबार बंद होने की अपनी अलग-अलग वजहें भी, लेकिन भारतीय बाजार को समझने की रणनीतिक चूक, घटिया और महंगी आफ्टर सेल्स सर्विस, नए मॉडल लाने में विफलता, स्पेयर पार्ट्स हर जगह उपलब्ध न होने आदि इसकी प्रमुख वजहें है।
अगर फोर्ड इंडिया का उदाहरण लें तो यह शुरू से ही दिक्कत में रही और भारत में कभी भी मुनाफे में नहीं आ पायी। भारत में वॉल्यूम सेगमेंट में जोर है यानी यहां छोटी कारों का जलवा है जिसके दम पर मारुति सुजुकी और ह्यूंडै (Hyundai) राज कर रही है। फोर्ड ऐसा कोई उत्पाद नहीं ला सकी जिससे वॉल्यूम पर कब्जा कर सके। इसके अलावा इसके आफ्टर सेल्स सर्विस की भी काफी शिकायतें होती रही।
यही हाल अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स की भी रहा। जनरल मोटर्स का Chevrolet ब्रैंड कभी भी खास बाजार हिस्सेदारी नहीं बना पायी। अमेरिकी कंपनियां सस्ते और वैल्यू आधारित उत्पाद लॉन्च करने में विफल रहीं। एक वजह यह भी है कि भारतीय कारोबार का अमेरिकी कंपनियों के कुल कारोबार और मुनाफे में योगदान बहुत ज्यादा नहीं है, इसलिए नुकसान होने पर वे बोरिया-बिस्तर समेट लेने में ही भलाई समझ रही है।
इटली की कार कंपनी Fiat की वर्षों से भारत में प्रतिष्ठा थी। वह एक बार पहले यहां अपना सिक्का जमा चुकी थी। इसी दम पर उसने फिर भारत में Punto, Linea जैसे उत्पाद उतारे थे। लेकिन दुबारा कंपनी को ज्यादा सफलता नहीं मिली और उसने साल 2020 में अपना उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया।
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