September 7, 2025

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Statue of Equality का Hyderabad में पीएम मोदी ने किया लोकार्पण

STATUE OF EQUALITY
  • 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) 11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है। श्री रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया था

KC NEWS|हैदराबाद पीएम मोदी  शनिवार को हैदराबाद दौरे पर पहुंचे। हैदराबाद पहुंचे पीएम मोदी ने शाम को संत रामानुजाचार्य को समर्पित स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का लोकार्पण किया।शनिवार की शाम करीब तीन बजे पहुंचे पीएम ने पाटनचेरु में आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) परिसर पहुंचे। यहां आईसीआरआईएसएटी की 50 वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ किया। इसके बाद उन्होंने ICRISAT परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

बुद्ध की प्रतिमा सबसे बड़ी लेकिन STATUE OF EQUALITY में क्या है खास

बता दें कि बैठी हुई मुद्रा में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा थाइलैंड स्थित बुद्ध की प्रतिमा है। बुद्ध की प्रतिमा की ऊंचाई 302 फीट है। दूसरी ओर संत श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा की स्थापना हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 45 एकड़ के भव्य मंदिर परिसर में की गई है। इस भव्य मंदिर का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था। प्रतिमा का निर्माण मिश्र धातु पंचलोहा से किया गया है। इसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता जैसे पांच धातुओं का प्रयोग किया गया है। प्रतिमा को 64 फीट ऊंचे स्थान पर स्थापित किया गया है। इस स्थान (आधार) को भद्र वेदी नाम दिया गया है। इस भद्र वेदी में डिजिटल लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर बनाया गया है। गौरतलब है कि प्राचीन भारतीय ग्रंथों एवं संत श्री रामानुजाचार्य के कार्यों की जानकारी देती गैलरी भी इस मंदिर में स्थापित होगी है।

क्या है STATUE OF EQUALITY ?

216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) 11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है। श्री रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया था। यह प्रतिमा ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं: सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और दुनिया में बैठने की अवस्था में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है। यह 54-फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम ‘भद्र वेदी’ है। इसमें वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो श्री रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हैं। इस प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयार स्वामी ने की है।

3-डी प्रेजेंटेशन मैपिंग का भी प्रदर्शन

श्री रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग का भी प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 108 दिव्य देशम (सजावटी रूप से नक्काशीदार मंदिर) के समान मनोरंजनों का भी दौरा करेंगे जो स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी के चारों ओर बने हुए हैं।

लोगों के उत्थान के लिये जाने जाते

श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया। STATUE OF EQUALITY का उद्घाटन, श्री रामानुजाचार्य की वर्तमान में चल रही 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोहम का एक भाग है।

इन कार्यक्रमों में भी शामिल हुए पीएम मोदी

इसके पहले पीएम मोदी (PM Modi) ने पाटनचेरु में आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) की 50 वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ किया। पीएम मोदी ने ICRISAT परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने पौधा संरक्षण पर ICRISAT के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और ICRISAT की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ICRISAT के विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रतीक चिह्न का भी अनावरण किया और इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

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