BJP vs SP : प्रदेश में ओबीसी का बड़ा नेता कौन…? यह तय करेगा 2022
UP Assembly Election-2022
- चौथे और सांतवें चरण का चुनाव ओबीसी नेताओं के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं
- तीन चरणों के चुनाव में 162 सिटों पर हुए मतदान के बाद अब चौथे चरण से लेकर सातवें और अंतिम चरण में प्रदेश की करीब 39 जनपदों की 241 विधानसभा सीटों पर होनी है वोटिंग
- सत्ताधारी दल और उसके घटल दल सामाजिक न्याय और प्रदेश में किए गए विकास कार्यों को गिना रहे हैं, तो विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर घेराबंदी कर रहा है
आदर्श श्रीवास्तव
खबरी चिरईया। यूपी विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर सियासत और सियासी दांव-पेच शबाब पर हैं। भाजपा बनाम सपा की चुनावी विसात पर छिड़ी जंग में आरोप-प्रत्यारोप और दावों के बीच अपने-अपने उम्मीदवारों को विजय तिलक लगाने को लेकर दलीय नेता कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सत्ताधारी दल और उसके घटल दल सामाजिक न्याय और प्रदेश में किए गए विकास कार्यों को गिना रहे हैं, तो विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर घेराबंदी कर रहा है।
पश्चिम से शुरू हुआ चुनाव बुंदेलखंड होते हुए मध्य क्षेत्र की ओर से अब पूर्वांचल में प्रवेश कर गया है। सीएम योगीआदित्य नाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित सूबे के कई मंत्रियों के चुनाव होने हैं। अब तक हुए तीन चरणों के चुनाव में 162 सिटों पर हुए मतदान के बाद अब चौथे चरण से लेकर सातवें और अंतिम चरण में प्रदेश की करीब 39 जनपदों की 241 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है।
यूपी विधानसभा चुनाव-2022 का चौथा और सांतवा चरण इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी की सियासत ओबीसी वोट बैंक पर आकर सिमट गई है। यह माना जा रहा कि जिस पार्टी की तरफ ओबीसी वर्ग रुख करेगा, वहीं पार्टी सत्ता में वापसी करेगी। 2017 के चुनाव में यह साबित भी हो चुका है कि ओबीसी वर्ग भाजपा के साथ गया तो यूपी में भाजपा सत्तासीन हुई। तब भाजपा के साथ अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्या और सुभासपा के नेता ओमप्रकाश राजभर भी भाजपा के साथ थे, लेकिन अब स्वामी प्रसाद मौर्या और ओमप्रकाश राजभर साथ नहीं हैं।
इस बार 2017 वाला ओबीसी गठजोड़ नहीं है, इसमें बिखराव हो चुका है। हालिया स्थिति की बात करें तो भाजपा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और भाजपा की मजबूत घटक दल के साथी के रूप में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल व चुनाव से पहले एनडीए के हिस्सा बनी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद इस चुनाव में एनडीए के चेहरा हैं, वहीं दूसरी तरफ सपा गठबंधन में भाजपा से सपा में शामिल हुए योगी कैबिनेटे में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, रालोद के नेता जयंत चौधरी और इसके अलावा अपना दल (कमेरा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल का नाम और चेहरा है। इस वजह से यह कहा जा रहा है कि प्रदेश में ओबीसी का बड़ा नेता या फिर बड़ा चेहरा कौन होगा…?, यह 2022 तय करेगा क्योंकि चौथे और सांतवें चरण का चुनाव ओबीसी नेताओं के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
जानें चौथे से सातवें चरण में किस जनपद में किसी तारिख को होगी वोटिंग
चौथा चरण : मतदान 23 फरवरी 2022
पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, बांदा।
पांचवां चरण : मतदान 27 फरवरी 2022
श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, रायबरेली (आंशिक), अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकुट, प्रयागराज।
छठा चरण : मतदान 3 मार्च 2022
बलरामपुर, सिद्वार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया।
सातवां चरण : मतदान 7 मार्च 2022
आमगढ़, मऊ, गाजीपुर, भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र।
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