योगी सरकार के तीसरी नेत्र से नहीं बच पाएंगे अब अपराधी “फेस रिकग्निशन कैमरा” करेगा निगबानी
योगी सरकार की तीसरी नेत्र से नहीं बच पाएंगे अपराधी, अब फेस रिकग्निशन कैमरा निगहबानी करेगा। बुलडोजर के बाद अब फेस रिकग्निशन कैमरा अपराधियों को सलाखों के पीछे पंहुचाएगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश में कानून का राज कायम करने के लिए एडवांस सर्विलांस सिस्टम के तहत सरकार तीसरे नेत्र के जरिए अपराधियों पर नजर रखेगी।
वाराणसी से खबर है कि यहां के चौक, चौराहों और गलियों में कैमरे लगवा दिए गए हैं। इससे अपराधियों का बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने मुताबिक पुलिस के सुझाव के मुताबिक वाराणसी में 16 लोकेशन पर 22 कैमरे लगाए गए है। ये कैमरे करीब 50 से 60 मीटर की दूरी से अपराधियों की पहचान कर लेता है और काशी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम के सिस्टम में बैठे एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों को अलर्ट कर देता है।
उन्होंने बताया कि फेस अलॉगर्थिम यानी डाटा बेस में मौजूद अपराधी की फ़ोटो को कैमरे से कैप्चर करके पिक्चर से मिलान करेगा और उसकी विशेष पहचान कोडिंग और नाम से बता देगा। ये कैमरे अपराधियों की वर्षां पुरानी फोटो मास्क, हेलमेट या किसी भी प्रकार से ढके हुए चेहरों की भी पहचान कर लेते हैं। अपराधी अपना अपना हुलिया बदलेंगे, तो भी कैमरे की नजर से नहीं बच पाएंगे। उन्होंने बताया कि वीडियो एनालिटिक्स के माध्यम से पूरे जिले के चप्पे-चप्पे पर नज़र रखी जा रही है। लाखों की भीड़ में भी फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर आपराधिक चेहरे को खोज निकालेगा। लाइव फीड के अलावा ये सॉफ्टवेयर फोटो टू फोटो और फोटो टू वीडियो में भी अपराधी को सर्च कर सकता है।
मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि एडवांस सर्विलांस सिस्टम के तहत 400 किलोमीटर के दायरे में 720 लोकेशन पर 2183 अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं। इससे यातायात, अपराध जैसी कई गितविधियों पर नजर रखी जा रही है। इस प्रोजेक्ट में भारतीय, यूरोपियन और अमेरिकन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।
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