राजनीति के माहिर खिलाड़ी, समाजवादी पार्टी के कद्दावर और पिछड़ों के नेता पूर्व सांसद हरिवंश सहाय अब नहीं रहे
काफी दिनों से बीमार चल रहे हरिवंश सहाय ने नोयडा में ली अंतिम सांस, अंतिम संस्कार पैतृक गांव खामपार के कुकुरघाटी विशम्भरपुर में होगा
राजनीति के माहिर खिलाड़ी, समाजवादी पार्टी के कद्दावर और पिछड़ों के नेता पूर्व सांसद व चार बार के विधायक रहे पूर्व सांसद हरिवंश सहाय अब नहीं रहे। गुरुवार की सुबह उन्होंने नोएडा में अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 85 वर्ष हो गई थी ओर वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इन दिनों वह नोएडा में अपने बेटे के पास रह रहे थे, वहीं उनका इलाज चल रहा था। उनके छोटे पुत्र अरविंद सहाय ने बताया कि गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे नोयडा में ही उनका निधन हो गया। अंतिम संस्कार पैतृक गांव खामपार थाना क्षेत्र के कुकुर घाटी विशम्भरपुर में होगा। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी चार संतानों में दो बेटे व दो बेटियां हैं। बड़े बेटे अशोक कुमार नोएडा में जिला जज हैं। दूसरे नम्बर के बेटे डॉ. अरविंद सहाय कुछ दिन पूर्व सपा छोड़ भाजपा में चले गए।
आइए जानते हैं हरिवंश सहाय का कुछ राजनैतिक सफर…
हरिवंश सहाय 1967 में सोशलिस्ट पार्टी से पहली बार विधायक चुने गए थे। 1980 में लोकदल से दूसरी बार विधायक बने। 1989 में लोक दल जनता दल हो गया, जिसमे तीसरी बार फिर विधायक चुन लिए गए। इसके बाद चौथी बार 1991 में जनता दल से विधायक बने।
हरिवंश सहाय 1996 में समाजवादी पार्टी से सलेमपुर के सांसद चुने गए। इसके बाद प्रदेश की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ बन गई और पिछड़ों के मजबूत नेता बन कर उभरे। हरिवंश सहाय समाजवादी पार्टी में 2003 से 2009 तक सपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। 2005 से 2007 तक वे पशुधन विकास बोर्ड के दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। अंतिम चुनाव उन्होंने समाजवादी पार्टी से 2014 में लोकसभा का लड़ा था। जिसमें वह हार गए थे। इस चुनाव में भाजपा से रविंद्र कुशवाहा सांसद बने।
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