फर्जी वरासत के मामले में देवरिया नगर पालिका के दो बाबू सस्पेंड, डिमांड रजिस्टर में की गई थी छेड़-छाड़

नगर पालिका के दो लिपिक फर्जी वरासत के मामले में सस्पेंड कर दिए गए हैं। खबर यूपी के जनपद देवरिया से है। खबर है कि यह कार्रवाई नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह ने न्यायालय के आदेश के क्रम में किया है। करीब एक साल पहले फर्जी तरीके से शहर के एक व्यक्ति के मकान का वरासत करा लिया गया था। दोनों लिपिक डिमांड रजिस्टर में छेड़छाड़ के दोषी पाए गए थे।
बताया जाता है कि शहर स्थित गरुलपार निवासी हरिओम प्रसाद ने करीब सालभर पहले देवरिया के न्यायालय में वाद दाखिल करते हुए बताया था कि उसके मकान का फर्जी तरीके से वरासत करा लिया गया है। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत धर द्विवेदी की अदालत ने नगर पालिका के वरिष्ठ लिपिक (डिमांड) अनिल कुमारी देवी, डिमांड लिपिक सत्येंद्र कुमार सिंह और तीन अन्य रामनयन प्रजापति, विजय कुमार और दिलीप कुमार को मामले में दोषी पाया।
इसके बाद न्यायालय ने सभी के खिलाफ कोतवाली पुलिस को धोखाधड़ी समेत विभिन्न मामलों में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष को भी दोनों लिपिकों पर कार्रवाई के लिए कहा था। आदेश के क्रम में अध्यक्ष ने उक्त कार्रवाई की है।
बताया जाता है कि कार्रवाई के बाद इस मामले में जांच की जिम्मेदारी जलकल एई को सौंपी गई है। तीन अन्य लोगों पर कार्रवाई होनी अभी बाकी है। नरग पालिका के सस्पेंड लिपिकों को कार्रवाई की अवधि में निर्वाह भत्ता आदि देय हो।
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