May 15, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

स्वास्थ्य विभाग के तबादला एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा रिटायर्ड हो गए महानिदेशक वेदव्रत सिंह, अब डिप्टी सीएम और राज्य मंत्री ने खड़े किए सवाल

राजधानी लखनऊ से खबर है कि स्वास्थ्य विभाग के तबादला एक्सप्रेस को 30 जून 2022 को हरी झंडी दिखाकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक वेदव्रत सिंह रिटायर्ड हो गए, लेकिन इस तबादला एक्सप्रेस के रवाना होने के बाद महकमे के विभिन्न अनुभागों में हुए तबादले के बाद जो भूचाल आया है, अब बवंडर का रूप धारण करने वाला है। क्योंकि एक तरफ सूबे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, तो दूसरी तरफ राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने प्रदेश भर में किए गए तबादलों पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिम्मेदार अफसरों पर तबादला नीति का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या किए गए तबादले निरस्त होंगे?, क्या जिसने भी पॉवर का दूरूपयोग किया उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। खबर के मुताबिक सूत्रों की मानें तो इस तबादला एक्सप्रेस में सफर करने के लिए मनचाही जगह देने के लिए बोली भी लगाई गई। तबादला चाहे डॉक्टर का हो, स्टाप नर्स का हो या फिर सीनियर लैब टक्नीसियन या अन्य अनुभागों के कर्मचारियों का हो, जिसने बोली लगाई वह मनचाही जगह पर बैठा।

आपको बता दें कि सूबे के डिप्टी सीएम चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ शिशु कल्याण विभाग के मंत्री हैं। इन्होंने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर नाराजगी जाहिर करते हुए राजधानी लखनऊ में हुए डॉक्टरों के तबादले पर सवाल खड़ा किया है और जवाब तलब किया है। डिप्टी सीएम ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतण किए गए हैं, उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णतह: पालन नहीं किया गया है। अत: जिन-जिन का स्थानांतरण किया गया है, उनके स्थानांतरण किए जाने का करण स्पष्ट करते हुए उनका संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं।

उधर, सरकार के सांसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से तबादले पर सवाल खड़ा करते हुए यह जानकारी मांगी है कि मंडलीय कार्यालयों में अधिकतम अवधि 07 वर्ष पूर्ण करने वालों का विवरण एवं पिछले कितने वर्षों में किस-किस स्थान पर एवं उस जनपद में कब से कार्यरत हैं का विवरण 4 जुलाई तक तलब किया है।

सूत्रों के मुताबिक बनारस से खबर है कि यहां कबीरचौरा सरकारी अस्पताल में 20 से 25 वर्षों से तैनात एक लैब टैक्नीसियन का प्रमोशन जब सीनियर लैब टैक्नीसियन में हो गया, तो इन पर सरकार का स्थानांतरण नीति लागू नहीं हुआ। इस तबादला एक्सप्रेस में इनको कबीरचौरा के ही ब्लड बैंक में ही जगह दे दी गई। जबकि यदि स्थानांतरण नीति की बात करें तो इन्हें बनारस मंडल से बाहर के अस्पतालों में जगह मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जनपद भी वहीं, मंडल भी वहीं और अस्पताल भी वहीं, बदली तो सिर्फ सदर अस्पताल से ब्लड बैंक की दूरी। वैसे यह एक केस तो महज उदाहरण है, जो सामने आ गया। ऐसे न जाने और कितने केस होंगे, जिस पर विभाग मेहरबान हुआ होगा। इसका पता तो तभी चलेगा, जब सरकार इसकी जांच कराएगी।

ये है डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की चिठ्‌ठी जो अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को लिखी गई है…

ये है सरकार के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह चिठ्ठी जो महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को  लिखी गई है…

आगे की खबरों के लिए आप हमारे Website पर बने रहें…

error: Content is protected !!