मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम की हुई शुरुआत, अब नहीं होगा उत्तर प्रदेश की प्रतिभा का पलायन

यूपी : शासन के गलियारे से खबर है कि यूपी के शिक्षित युवाओं की क्षमता का सही उपयोग हो सके इसके लिए योगी सरकार ने मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को पास कर दिया है। इस योजना की मदद से जहां उत्तर प्रदेश शोध व रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा वहीं प्रदेश के तकनीकी शिक्षा केंद्रों में भी आने वाले दिनों में बेहतर शिक्षक मिल सकेंगे। युवाओं को जोड़ने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना शुरू कर दी है। इस योजना के तहत स्थानीय लोगों की जरूरतों का अध्ययन किया जाएगा और उनको कैसे पूरा किया जा सकता है, इसका पता भी लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों के लिए 100 शोधार्थियों का चयन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित शोधार्थियों को पारिश्रमिक के रूप में 30 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही शोधार्थियों को पारिश्रमिक के अतिरिक्त भ्रमण के लिए 10 हजार प्रति माह का भुगतान किया जाएगा और टेबलेट खरीद के लिए एकमुश्त 15 हजार उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार की तरफ से यथासंभव विकास खंड में ही आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित शोधार्थी की संबद्धता अवधि नियुक्ति की तिथि से 1 वर्ष के लिए मान्य होगी।
खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित संस्थाओं में कृषि ग्रामीण विकास, पंचायती एवं संबंध क्षेत्र, वन, पर्यावरण एवं जलवायु, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण एवं कौशल विकास, ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन एवं संस्कृति, डाटा साइंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईटी, आईटीईएस, जैव प्रौद्योगिकी, मशीन लर्निंग डाटा गवर्नेंस आदि, बैंकिंग, वित्त एवं राजस्व, लोक नीति एवं गवर्नेंस के क्षेत्रों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।
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