देवरिया से अजीबोगरीब खबर, असल की जिंदगी में तो इंसान जिंदा, लेकिन सरकारी सिस्टम ने बना दिया मुर्दा
एक अजीबोगरीब खबर है। खबर यह है कि असल की जिंदगी में तो एक इंसान तो जिंदा है, लेकिन सरकारी दस्तावेज में उसे मुर्दा साबित कर दिया गया है। यह सरकारी सिस्टम का फेल्योर है या फिर रिश्वतखोरी, यह जांच का विषय है पर यह सच्चाई है कि सरकारी सिस्टम की गड़बड़ी से एक जिंदा इंसान को सबूत के तौर पर सरकारी कागज के टुकड़े को दिखा यह बताना पड़ रहा है कि वह जिंदा है।
गणेश धर द्विवेदी की रिपोर्ट
यह खबर यूपी के जनपद देवरिया से है। बताया जाता है कि कुटुंब रजिस्टर में मिर्जा अजहर वेग को मुर्दा साबित कर दिया गया है। अब वह खुद को जिंदा होने का साबूत लेकर ब्लाक में घूम रहें हैं। खास बात यह कि एक माह पहले ही उनके जिंदा होने का प्रमाण-पत्र भी सरकारी सिस्टम से ही जारी हुआ था। अब जब सच्चाई सामने आई तो ब्लाक दफ्तर में भुचाल आ गया। इन सबके पीछे की जब वजह तलाशी गई तो पता चला कि यह मामला मात्र तीन बीघे जमीन से जुड़ा है। वरासत को लेकर साजिशन एक जिंदा इंसान को सरकारी कागज में मुर्दा दर्ज कर दिया गया।
इसका खुलासा तब हुआ जब अजहर न्यायालय के दाखिल एक वाद में जवाब देने के लिए वह ब्लाक परिवार रजिस्टर की नकल लेने गए, जहां कागज में अपने को मुर्दा देख दंग रह गए। यह मामला जनपद की रुद्रपुर तहसील, ब्लॉक और थाना क्षेत्र का है। इस क्षेत्र के गाजीपुर भैंसही गांव निवासी मिर्जा अजहर वेग ने मंगलवार को बीडओ को शपथ पत्र देकर बताया कि माह जुलाई में ग्राम सचिव ने परिवार रजिस्टर की नकल दी, जिसमें वह जिंदा हैं।
अजहर ने बीडीओ को बताया कि उनके पट्टीदारों की तरफ से दाखिल न्यायालय के वाद में जवाब देने के लिए वह दुबारा ब्लाक परिवार रजिस्टर की नकल लेने गए, तो कागज में अपने को मुर्दा देख दंग रह गया। इस संबंध में जब ब्लाक सचिव से बात की तो वह कुछ बोलने से इंकार कर दिए। जबकि जुलाई माह में ही ग्राम सचिव द्वारा जारी प्रमाण-पत्र में मेरे जिंदा होने का प्रमाण है।
कुटुंब रजिस्टर में गाजीपुर भैंसही गांव निवासी मिर्जा अजहर वेग की मृत्यु दर्ज है। सही क्या है जांच की जा रही है।-बलवीर यादव, ग्राम सचिव
यह मामला संज्ञान में आया है। सचिव को तलब किया गया है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।– विवेकानंद मिश्रा, बीडीओ, रुद्रपुर
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