गुरु की भूमिका में दिखे देवरिया डीएम, विद्यार्थियों को दी दीक्षा, बोले-लक्ष्य बड़ा हो तो मेहनत भी बड़ी होनी चाहिए

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने ली अभ्युदय कोचिंग की क्लास, बताया सफलता का मूल मंत्र, कहा-आत्मविश्वास ही सफलता की पहली सीढ़ी, लक्ष्य प्राप्ति का रखें भरोसा
यूपी के जनपद देवरिया से एक सुखद खबर है। शासन और प्रशानिक कार्यों के प्रति संवेदनशील डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह विद्यार्थियों के बीच गुरु की भूमिका में नजर आए। विद्यार्थियों को दीक्षा देते हुए उन्हें सफलता का मूल मंत्र दिया। कहा असफल होने पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि सफलता पाने की जीद ठान लेनी चाहिए। आत्मविश्वास ही सफलता की पहली सीढ़ी है। अपने लक्ष्य प्राप्ति को लेकर खुद पर भरोसा रखना चाहिए। कहा कि लक्ष्य बड़ा हो तो मेहनत भी बड़ी होनी चाहिए।
डीएम बुधवार को जीआईसी में राज्य सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु उपलब्ध कराई जा रही निःशुल्क अभ्युदय कोचिंग योजना के अंतर्गत यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के विद्यार्थियों से रूबरू हुए। वहां उन्होंने हाथ में चॉक थांमा। कक्षा में गुरु की तरह ब्लैकबोर्ड पर सवालों को भी सुलझाया। हौसला ऑफजाई करते हुए विद्यार्थियों को सिविल सेवा परीक्षा में सफलता का गुर बताया।
डीएम ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे सबसे पहले खुद में यह आत्मविश्वास लाएं कि उनका चयन इस परीक्षा में अवश्य होगा। बिना आत्मविश्वास के सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाना मुश्किल है। विद्यार्थियों से कहा कि अनुशासन, नियमित अभ्यास, स्मार्ट स्टडी और सिलेबस के अनुसार प्रत्येक टॉपिक पर शार्ट नोट्स बनाएं। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा के पुराने प्रश्न-पत्रों का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। इससे पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति को समझने में सहायता मिलती है।
डीएम ने बताया कि तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट अत्यंत आवश्यक है। स्तरीय न्यूज़ पेपर का अध्ययन नियमित रूप से करना चाहिए। पढ़े गए तथ्यों को को-रिलेट करके याद रखना चाहिए। प्रत्येक महत्वपूर्ण घटनाओं के जितने भी आयाम हो सकते हैं, उस पर अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए।
डीएम ने बताया कि एग्जामिनेशन हॉल में प्रश्न को हल करते समय प्रश्न को ध्यान से पढ़ने के साथ की-वर्ड्स पर फोकस रहना चाहिए। प्रश्न की प्रकृति को समझने का प्रयास करें और जो पूछा जा रहा है, उसी के अनुसार सधे हुए शब्दों में उत्तर दें। सिविल सेवा में भाषा की उच्चस्तरीय समझ अत्यंत आवश्यक है। वर्तनी अशुद्धि नहीं होनी चाहिए। साथ ही लेखन का अभ्यास भी नियमित रूप से करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परीक्षा में माध्यम कोई बाधा नहीं है। अब हिंदी भाषा में भी स्तरीय स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है। टेक्नोलॉजी के विकास ने स्तरीय अध्ययन सामग्री सुदूर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचा दिया है। अभ्युदय कोचिंग की क्लास में विद्यार्थियों ने कई सवाल पूछे जिनका जवाब डीएम ने देकर मार्गदर्शन किया। डीएम ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि वे आगामी दिनों में विभिन्न विषयों पर क्लास लेकर मार्गदर्शन करते रहेंगे।
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