डीएम ने भवानी छापर में निर्माणाधीन राजकीय आईटीआई का किया निरीक्षण, जतायी नाराजगी

कार्य की गुणवत्ता पर जतायी नाराजगी, जांच के लिए टेक्निकल टीम का किया गठन
2014 में प्रारंभ हुई थी परियोजना, अभी तक नहीं हो सकी पूर्ण, डीएम ने जतायी नाराजगी
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने विकास खण्ड बनकटा अन्तर्गत भवानी छापर में निर्माणाधीन राजकीय आईटीआई का निरीक्षण किया। डीएम ने वर्ष 2014 से अभी तक परियोजना के पूर्ण न होने पर गहरी नाराजगी जतायी और निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी संतोषजनक न मिलने पर कार्यदायी संस्था यूपीपीएसीएल के परियोजना निदेशक से स्पष्टीकरण तलब किया। साथ ही कार्य की गुणवत्ता की जांच करने के लिए अधिशासी अभियंता आरके सिंह की अध्यक्षता में एक तकनीकी टीम का गठन भी किया है जो साथ दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।उन्होंने कहा कि लोकहित की इस महत्वपूर्ण परियोजना को शीघ्र पूर्ण किया जाये।
जिलाधिकारी आज अपराह्न बनकटा ब्लॉक के भवानी छापर में निर्माणाधीन आईटीआई का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां निर्माणाधीन भवन की दीवार में प्रयुक्त ईंट एवं पिलर में प्रथमदृष्टया तकनीकी खामी दिखी। जिलाधिकारी ने परियोजना से संबंधित बोर्ड न मिलने पर सहायक अभियंता यूपीपीसीएल को फटकार लगाई। इसके पश्चात वे मुख्य भवन पहुंचे और प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता देखी। उन्होंने दरवाजे और कुंडी की घटिया गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त किया। भवन के वायरिंग में प्रयुक्त तार एवं स्विच की गुणवत्ता भी उन्होंने देखी। उन्होंने आईटीआई को चारो ओर से बाउंडरी वाल से सुरक्षित करने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के उपरांत जिलाधिकारी ने बताया कि यह परियोजना जनपद में चल रही सबसे पुरानी परियोजनाओं में से है। 2014 में इस परियोजना की शुरुआत हुई। 08 साल हो गये है। इसकी टाइमलाईन भी पूर्ण हो चुकी है। अभी कार्य पूर्ण नही हुआ है। रंगाई-पुताई का कार्य भी नही हुआ है। कार्य में टेक्निकल मानक का ध्यान नही दिया गया है। पिलर एवं दीवार आदि में मानक का ध्यान नही दिया गया है। परियोजना का विभागीय बोर्ड भी नही लगा है, जिसमें कार्य से संबंधित जवाबदेही किसकी है स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। 6 करोड़ 66 लाख की यह परियोजना है। कांट्रैक्टर के लिये आवश्यक है कि जब कार्य हो रहा हो तो एक टेक्निकली क्वालिफाइड जेई अथवा एई को तैनात करे, वह भी मौके पर नही मिला।
जिलाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि इसके लिये जवाबदेही तय की जाएगी। साथ ही प्रयास किया जाएगा कि इस सत्र में यह परियोजना पूर्ण कर ली जाए, जिससे बच्चो को शिक्षा मिल सके। निर्माण में जो कमियां है उसके लिये दण्ड निर्धारण किया जायेगा। यह भी प्रयास होगा कि इस शैक्षिक सत्र के समाप्ति के पश्चात अगले सत्र में बच्चों का नामांकन यहां हो सके, ताकि बिहार बार्डर एवं इंटेरियर इलाको के बच्चों को इनका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर एडीएम भाटपाररानी संजीव उपाध्याय, अधिशासी अभियंता आरके सिंह सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।।
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