संयुक्त सचिव ने की जल शक्ति अभियान की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश
देवरिया (यूपी)। संयुक्त सचिव जल शक्ति अभियान भारत सरकार लुकास एल कंसुअन व तकनीकी विशेषज्ञ(जल संरंक्षण) वैज्ञानिक डी माधव की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित गांधी सभागार में जनपद में जल संरक्षण संबंधित प्रगति व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में संयुक्त सचिव ने जनपद में भूजल-पर्यावरण संरक्षण के सन्दर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एक सतत प्रक्रिया है, जिसके लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है।
बैठक में जल संरक्षण संबंधित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों ने विभाग द्वारा अपनाए गए उपायों व कार्यों की प्रस्तुतीकरण संयुक्त सचिव जल शक्ति के समक्ष दी गई। प्रभागीय वन अधिकारी जगदीश आर द्वारा वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 के संदर्भ में जनपद में हुई प्रगति की रिपोर्ट दी गई। इस क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि जनपद में 33,19,876 लाख वृक्षारोपण किया गया, जिसकी हरीतिमा ऐप के माध्यम से जियो टेगिंग का कार्य कर लिया गया है। संयुक्त सचिव लुकास एल कंसुअन ने प्रभागीय वन अधिकारी को जनपद में मियावाकी पद्धति का प्रयोग करते हुए नगरीय क्षेत्र में वृक्षारोपण करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि मियावाकी पद्धति के तहत देश के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों में हरित क्षेत्र में वृद्धि की गयी है।
अधिशासी अभियंता सिचाईं ने जनपद में नहरों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में कुल 57 नहरें है, जिसकी कुल लम्बाई 293.66 किलोमीटर है। अधिशासी अभियंता सिंचाई ने बाढ परियोजनाओं के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में 04 नदी एवं 03 नालें यथा राप्ती, गुर्रा, घाघरा, छोटी गंडक, बथुआ नाला, खनुआ नाला औरा हाहा नाला प्रवाहित हैं। वर्ष 2020-21 में बाढ नियंत्रण की 10 परियोजनाओं एवं 2021-22 में 15 परियोजनाओं पर कार्य किया गया है। संयुक्त सचिव ने नदी एवं नहरों के जल को शुद्ध एवं प्रदूषणमुक्त रखने के लिए जन जागरुकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।
संयुक्त सचिव ने उपस्थित सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि जनपद देवरिया में जल संरक्षण का जो अभियान है, वहां पानी की कमी नहीं है किंतु कभी-कभी ज्यादा पानी से नुकसान भी हो जाता है। अतः मेहनत की जरूरत है। उन्होंने जल संरक्षण को एक चुनौती बताते हुए उससे मुकाबला करने को कहा। अमृत सरोवर के संदर्भ में अच्छा कार्य होने पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की तथा देवरिया में जल संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनका विश्वास है की जनपद देवरिया में जल संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्य सही दिशा में जा रहे हैं । सभी कार्यों को पोर्टल पर अपलोड करें और इस प्रकार के कार्यों से दूसरे जनपद भी प्रेरित होंगे। संयुक्त सचिव ने बताया कि यह एक कलेक्टिव नेशन मिशन है । ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए आज की वर्तमान स्थिति में जल संरक्षण एक चुनौती है जिसका हमें सामना करना है।
डीसी मनरेगा बीएस राय द्वारा अमृत सरोवर के माध्यम से जल संरक्षण की प्रगति के बारे में संयुक्त सचिव को बताया गया। उन्होंने जनपद में अवस्थित तालाबों व मनरेगा पार्कों की प्रगति का भी विवरण दिया। इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह व मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने संयुक्त सचिव व उपस्थित तकनीकी विशेषज्ञ वैज्ञानिक को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा यह आश्वासन दिया कि आगे भी जल संरक्षण हेतु उपाय निरंतर जारी रहेंगे। बैठक में डीसी मनरेगा बीएस राय, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका देवरिया रोहित सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई दुर्गेश गर्ग, सहायक अभियंता भूगर्भ जल पंकज राय सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
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