राजभर बिरादरी को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए सीएम सहमत : ओम प्रकाश राजभर
लखनऊ (यूपी)। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष विधायक ओमप्रकाश राजभर ने बताया है कि आजादी के बाद से उपेक्षित भर/राजभर बिरादरी बहुत जल्द अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध हो जाएगी। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 11 मार्च 2022 को इस संबंध में दिए गए आदेशों का अनुपालन कराने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सकारात्मक रूख अख्तियार किया है। इस संबंध में मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री से उनके आवास पर हुई मुलाकात हुई जिसमें उन्होंने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। उन्होंने राजभर बिरादरी को अनुसूचित जन जाति में सूचीबद्ध किए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया।
ओमप्रकाश राजभर ने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही गांवों में भूमाफियाओं की आड़ में गरीबों को न उजाड़े जाने का प्रस्ताव भी सीएम को दिया। उन्होंने कहा कि वह समाज की लड़ाई लड़ रहे है। हर कोई इसे नहीं लड़ सकता है। हम यह परवाह नहीं करते कि मेरे साथ क्या होगा। समाज के लिए राजनीति कर रहे हैं। समाज के लोगों से कहूंगा कि जो सावधान रथयात्रा 26 सितंबर से चलेगी युवा अपने बाइक से इस कार्यक्रम में शामिल हों ताकि मुझे ताकत मिले। उन्होंने कहा कि पूर्व की किसी भी सरकार ने महाराजा सुहेलदेव राजभर के बारे में नहीं सोचा लेकिन आज प्रदेश सरकार महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम से बहुत कुछ कर रही है।
उन्होंने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राजभर बिरादरी को अनुसूचित जन जाति में सूचीबद्ध किए जाने किए जाने का जो आदेश जारी किया है। उसके अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री ने इसके प्रति पूरी गंभीरता दिखाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभर समाज के विकास के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है।
राजभर ने बताया कि प्रदेश में राजभर बिरादरी को पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया है, जबकि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में राजभर बिरादरी को अनुसूचित जनजाति में रखा गया है। उत्तर प्रदेश में भी इस बिरादरी को बहुत जल्द अनुसूचित जनजाति का लाभ मिलने लगेगा। केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद दबे, कुचले व पिछड़े राजभर बिरादरी के युवाओं को शिक्षा पाने के बेहतर अवसर के साथ ही सरकारी सेवाओं में नौकरी पाने के अधिक अवसर मिलने लगेंगे। केंद्र सरकार में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कोटा 7.5 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति का कोटा 2.5 फीसदी है। उन्होंने बताया कि राजभर समाज को एसटी में शामिल कराने की लड़ाई वह लंबे अरसे से लड़ते आ रहे हैं, जो अब पूरा होता नजर आ रहा है।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक सही वर्ग में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के कारण उनके समाज का विकास नहीं हो सका। सरकारी नौकरियों में राजभर बिरादरी की संख्या नहीं के बराबर है। पिछड़ी जाति में होने के कारण 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ यादव, कुर्मी जैसी कुछ मजबूत जातियां ले लेती हैं। एसटी में शामिल होने के बाद राजभर बिरादरी के बेरोजगार युवाओं को नौकरियां पाने में आसानी हो जाएगी। राजभर के बेटे भी कलेक्टर, एसपी तथा अन्य बड़े पदों पर नजर आने लगेंगे। राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों नेता सही मायनों में पिछड़े समाज को मुख्यधारा में शामिल करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने का जुमला देने का काम सपा, बसपा और कांग्रेस ने किया था।
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