देश के न्यायालयों, देवालयों और विद्यालयों में कलम के देवता भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित कराने की उठी मांग
26 सितंबर 2022 नवरात्र के प्रथम दिन से पूजा-अर्चना के बाद अहिरौली लाला सलेमपुर देवरिया से शुरू होगी जनजागरण पदयात्रा और 26 अक्टूबर को दिल्ली में कलम पूजा के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद समाप्त होगी
लखनऊ (यूपी)। कलम के देवता भगवान चित्रगुप्त के वंशसज कायस्थ समाज के लिए गर्व का विषय है। स्वतंत्र भारत देश में न्याय के प्रतीक के रूप ब्रह्माण्ड न्यायाधीश भगवान चित्रगुप्त को देश के सभी न्यायालयों, देवालयों और विद्यालयों में कलम के देवता भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित कराने व कलम की पूजा कराने की मांग को लेकर भगवान श्री चित्रगुप्त धर्माथ ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी सुशील सिन्हा अहिरौली लाला सलेमपुर देवरिया से दिल्ली तक पदयात्रा करने का संकल्प लिया है।
मुख्य ट्रस्टी ने बताया कि दिनांक 26-09-2022 नवरात्र के प्रथम दिन से भगवान भोलेनाथ, श्रीराम दरबार एवं मां मनकामनेश्वरी काली सहित भगवान श्री चित्रगुप्त जी के पूजा-अर्चना के बाद यह ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ शुरू होगी और 26 अक्टूबर को दिल्ली में कलम पूजा के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद समाप्त होगी। यह पदयात्रा हर रोज 30 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का आकर्षण भगवान चित्रगुप्त के चित्र से सजा रथ होगा, जो साथ-साथ चलेगी।
मुख्य ट्रस्टी ने कायस्थ और सर्वसमाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि यात्रा के रास्ते में अपनी सुविधा के अनुसार कहीं पर भी यात्रा में शामिल होकर कुछ देर जनजागरण पदयात्रा में साथ चलकर अपना योगदान दें, सहयोग करें और ब्रह्मांण्ड न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्त जी को स्वतंत्र भारत देश में न्याय के प्रतीक के रूप में स्थापित कराए जाने के लिए चलाए जा रहे इस जनजागरण पदयात्रा का समर्थन करें।
उधर, ज्वाहर भवन चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक दास बलदाऊ ने इस जनजागरण यात्रा का समर्थन करते हुए कायस्थ समाज के लोगों से इस यात्रा में सहभागी बनने की अपील किया है। उन्होंने खुद भी लखनऊ से दिल्ली तक यात्रा में शामिल होने की जानकारी दी है।
आइए जानते हैं कहां-किधर से होते हुए यात्रा कब दिल्ली पहुंचेगी…
- 26 सितंबर 2022 को अहिरौली लाला से देवरिया तक
- 27 सितंबर 2022 को देवरिया से चौरी चौरा तक
- 28 सितंबर 2022 को चौरी चौरा से गोरखपुर तक
- 29 सितंबर 2022 को गोरखपुर से संत कबीर नगर तक
- 30 सितंबर 2022 को संत कबीर नगर से बस्ती तक
- 01 अक्टूबर 2022 को बस्ती से हरैया तक
- 02 अक्टूबर 2022 को हरैया से अयोध्या तक
- 03 अक्टूबर 2022 को अयोध्या से रौनाही तक
- 04 अक्टूबर 2022 को रौनाही से भेलसर तक
- 05 अक्टूबर 2022 को भेलसर से रामसनेहीघाट तक
- 06 अक्टूबर 2022 को रामसनेहीघाट से बाराबंकी तक
- 07 अक्टूबर 2022 को बाराबंकी से लखनऊ तक
- 08 अक्टूबर 2022 को लखनऊ से मलिहाबाद तक
- 09 अक्टूबर 2022 को मलिहाबाद से संडीला तक
- 10 अक्टूबर 2022 को संडीला से बघौली तक
- 11 अक्टूबर 2022 को बघौली से हरदोई तक
- 12 अक्टूबर 2022 को हरदोई से शाहाबाद तक
- 13 अक्टूबर 2022 को शाहाबाद से शाहजहांपुर तक
- 14 अक्टूबर 2022 को शाहजहांपुर से तिलहर तक
- 15 अक्टूबर 2022 को तिलहर से फरीदपुर तक
- 16 अक्टूबर 2022 को फरीदपुर से बरेली तक
- 17 अक्टूबर 2022 को बरेली से मीरगंज तक
- 18 अक्टूबर 2022 को मीरगंज से रामपुर तक
- 19 अक्टूबर 2022 को रामपुर से मुरादाबाद तक
- 20 अक्टूबर 2022 को मुरादाबाद से अमरोहा तक
- 21 अक्टूबर 2022 को अमरोहा से गजरौला तक
- 22 अक्टूबर 2022 को गजरौला से गढ़मुक्तेश्वर तक
- 23 अक्टूबर 2022 को गढ़मुक्तेश्वर से हापुड़ तक
- 24 अक्टूबर 2022 को हापुड़ से गाजियाबाद तक
- 25 अक्टूबर 2022 को गाजियाबाद से आनंन्द बिहार तक
- 26 अक्टूबर 2022 को यूपी गेट आनंन्द बिहार से इंडिया गेट नई दिल्ली पहुंचकर सायंकाल 05:00 बजे कलम पूजन एवं ब्रह्माण्ड न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्त जी के पूजन के बाद महामहिम राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन देने के बाद जनजागरण पदयात्रा कार्यक्रम का समापन किया जाएगा।
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