July 24, 2025

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प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए योगी सरकार की पहल

The Uttar Pradesh Chief Minister, Shri Yogi Adityanath meeting the President, Shri Ram Nath Kovind, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on February 10, 2018.

परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे निजी विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षण व्यवस्था का कर सकेंगे उपयोग

लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों के छात्र अब प्रतिष्ठित निजी स्कूलों के संसाधनों का भी उपयोग कर सकेंगे। योगी सरकार की पहल पर अब सुविधा संपन्न निजी विद्यालय प्राथमिक विद्यालयों को गोद ले सकेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। संबंधित अधिकारी निजी विद्यालयों के प्रबंधन व प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को परिषदीय विद्यालयों को गोद लेने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे।

गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निजी विद्यालयों के साथ युग्मन (पेयरिंग) का निर्देश जारी किया है। इसी के तहत निजी विद्यालयों को परिषदीय विद्यालयों को गोद लिए जाने का भी विकल्प दिया गया है। यदि कोई निजी विद्यालय इस विकल्प को चुनता है तो परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को काफी लाभ होगा। वे न सिर्फ निजी विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकेंगे, बल्कि उनकी शैक्षिक व्यवस्था से भी लाभान्वित हो सकेंगे।

उपलब्ध कराने होंगे संसाधन

इस प्रक्रिया के तहत निजी विद्यालय, मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालय, उच्च शिक्षण संस्थान या कोई विश्वविद्यालय अपने करीब के किसी परिषदीय प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालय को गोद ले सकता है। गोद लेने के बाद परिषदीय विद्यालयों को अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जाएगा।

इसमें सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, शिक्षकों एवं बच्चों के उपयोग के लिए टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) का सृजन, ग्रेड अनुरूप शैक्षणिक वीडियो का निर्माण, विज्ञान से संबंधित प्रोजेक्ट, प्रदर्शनी, टीएलएम मेला, विज्ञान-गणित किट उपलब्ध कराना, पुस्तकालय के लिए पुस्तकों, खेल संसाधन एवं स्मार्ट क्लासेज उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही बच्चों के एक्सपोजर विजिट, विद्यालय भ्रमण के लिए संसाधन भी उपलब्ध कराने होगे। इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद गतिविधियों, शिक्षक प्रशिक्षण आदि के आयोजन के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

साझा हो सकेंगे अनुभव

प्रमुख सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निजी एवं परिषदीय विद्यालयों के बीच इस प्रक्रिया को इस तरह लागू किया जाए कि सभी संबंधित शिक्षण संस्थाएं आपसी सहयोग व समन्वय से एक-दूसरे के अनुभवों एवं शैक्षणिक संसाधनों का यथासंभव उपयोग कर लाभान्वित हो सकें।

दोनों प्रकार के विद्यालयों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अभिलेखीकरण करके समस्त शिक्षण संस्थाओं से साझा किया जाएगा ताकि सम्मिलित विद्यालयों के साथ जनपद के अन्य विद्यालय भी लाभान्वित हो सकें। यही नहीं, मासिक बैठक में इस पूरी प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा भी होगी और निजी विद्यालयों से अपेक्षित सहयोग के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।

एकीकृत शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

निजी और परिषदीय विद्यालयों की पेयरिंग (युग्मन) के संबंध में जारी आदेश का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में विद्यालयों को अलगाव को समाप्त करने, एकीकृत शिक्षा को बढ़ावा देने, विद्यालयों को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने, शिक्षकों से बेहतर सहयोग, समन्वय के साथ ही विद्यालयों के बीच पारस्परिक सकारात्मक व सहयोगात्मक वातावरण का निर्माण करना है।

इसकी मदद से विचारों, दृष्टिकोण, शिक्षण विधियों, तकनीक की पहचान को साझा किया जा सकेगा। पीयर लर्निंग और ग्रुप लर्निंग के लिए वातावरण और सीखने की प्रक्रिया को प्रभावी मंच मिल सकेगा। इसके जरिए एक लर्निंग हब तैयार करने का भी उद्देश्य है, जिसके माध्यम से सीखने-सिखाने के संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चत हो सके।

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