आधुनिक चिकित्सा पद्धति आज जिस मुकाम पर है, वह आयुर्वेद की देन : डॉ. अजीत
देवरिया (यूपी)। आरोग्य भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष व भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष डॉ. अजीत नारायण मिश्र ने कहा कि आज पूरे विश्व में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ी है और लोगों का आयुर्वेदिक चिकित्सा पर विश्वास जगा है। मौका था शनिवार को आयुर्वेदिक चिकित्सकों की बैठक का, जो सिंगहीं स्थित कैप कार्यालय पर आहूत थी। यहां बैठक के बाद मीडिया से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति आज जिस मुकाम पर है वह आयुर्वेद की देन है, क्योंकि प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से ही सभी चिकित्सा पद्धतियों का जन्म हुआ है। कहा कि सर्जरी हो या अंगों का प्रत्यारोपण यह सभी सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में वर्णित है। आज कुछ कुंठित विचारधारा के लोग आयुर्वेद का विरोध कर रहे हैं। उन्हें पुराने ज्ञान का अनुभव नहीं है, वह सिर्फ मशीनी ज्ञान पर आधारित चिकित्सा पद्धति के तरफ आकृष्ट हो रहे हैं, जिसका आधारभूत आयुर्वेद ही है।
कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देते हुए सभी प्रकार की सर्जरी को आयुर्वेदिक सर्जन को अधिकार देते हुए कहा कि सभी प्रकार की सर्जरी आयुर्वेद के सर्जन कर सकते हैं तथा उनके चिकित्सक आवश्यकता पड़ने पर आकस्मिक रोगियों को आधुनिक दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं। ताकि लोगों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा व्यवस्था मिल सके, लेकिन कुछ कुंठित विचारधारा के लोग आयुर्वेद और उसके विचारधारा का विरोध कर रहे हैं। बैठक में डॉ. केके सिंह, डॉ. साहब यादव, डॉ. श्वेता, डॉ. केसी पांडेय, डॉ. श्याम सुंदर सिंह, डॉ. जनार्दन, डॉ. संजय कुमार, डॉ. उपेंद्र, पंकज कुमार चतुर्वेदी, अंजलि, डॉ. विनीत, डॉ. प्रीति, डॉ. अनिल कुमार मणि उपस्थित रहे।
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