निकाय चुनाव: ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
लखनऊ/नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा दिए गए निर्णय पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को निरस्त करते हुए सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी।
हाईकोर्ट के निर्णय के बाद पांच सदस्यीय आयोग का गठन
बता दें कि 27 दिसंबर को हाई कोर्ट के निर्णय के बाद मचे राजनीतिक हंगामे पर प्रदेश सरकार ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था। आयोग के चार अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चौब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, राज्य के पूर्व कानूनी सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी हैं। गठन के बाद आयोग की पहली बैठक भी हो चुकी है। बैठक के बाद राम अवतार सिंह ने कहा था कि आयोग अपनी रिपोर्ट ढाई से तीन माह में सौंपेगा। उन्होंने कहा कि आयोग कमोबेश हर दिन बैठक करेगा। प्रत्येक जिले में जाकर डीएम और राजस्व अधिकारियों की मदद से डाटा जुटाएगा। इस तरह से अपने सर्वे की प्रक्रिया को पूरा करेगा।
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