Right to Information, 30 दिन की अवधि लक्ष्मण रेखा, उल्लंघन पर जन सूचना अधिकारियों को मिलेगा दंड

सूबे में आरटीआई यानी राइट टू इंफॉर्मेशन (Right to Information) को धार देने की कोशिश, राज्य सूचना आयुक्त जिलों में करेंगे आरटीआई प्रकरणों की सुनवाई, देवरिया से हुई शुरुआत, देवरिया में 51 प्रकरणों की सुनवाई कर 21 प्रकरणों का किया निस्तारण
सूबे में आरटीआई यानी राइट टू इंफॉर्मेशन (Right to Information) को धार देने की कोशिश की गई है। इसके तहत मांगी गई सूचनाओं, जानकारियों को दबाने वाले जिम्मेदार बख्शे नहीं जाएंगे, वे दंड के भागी होंगे। राज्य सूचना आयुक्त ने राइट टू इंफॉर्मेशन की पारदर्शिता और उददेश्य को बरकरार रखने के लिए सख्त कदम उठाया है।
Right to Information की जमीनी हकीकत को जानने और खुद प्रकरणों की सुनवाई कर आवेदनों का निस्तारण करने राज्य के दौरे पर निकले राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने बताया कि जनपदों में सुनवाई करने से आरटीआई प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि देवरिया जनपद से इसकी शुरुआत की गई है।
राज्य सूचना आयुक्त ने सभी जन सूचना अधिकारियों को जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की मूल भावना का पाठ पढ़ाया और दंड के प्रावधानों का जिक्र किया। कहा कि निहित प्राविधानों के अनुसार 30 दिन के भीतर सूचना देना अनिवार्य है। इसे लक्ष्मण रेखा मानें, इस अवधि में सूचना न देने वाले जन सूचना अधिकारी दंड के भागी होंगे। उन्होंने कहा कि समस्त कार्यालयों में जनसूचना अधिकारी नामित होने चाहिए। कहा कि ससमय सूचना देने से पारदर्शिता एवं जवाबदेही में वृद्धि के साथ ही भ्रष्टाचार में भी कमी आती है, जिसका लाभ अंततः सुशासन के रूप में नागरिकों को मिलता है।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि जन सूचना अधिकार के तहत दिए जाने वाले आवेदन सही कार्यालय में नहीं पहुंचते हैं, जिससे सूचना मिलने में समस्या आती है। ऐसे आवेदनों का अंतरण 5 दिन की अवधि में संबंधित विभाग को कर देना चाहिए। सूचना देते समय व्यापक लोकहित का ध्यान रखा जाए।
राज्य सूचना आयुक्त ने देवरिया में 51 प्रकरणों की सुनवाई की, जिसमें से 21 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। अवशेष प्रकरणों को गुणदोष के आधार पर निस्तारित करने के लिए सुरक्षित रखा गया है।
राज्य सूचना आयुक्त ने बताया कि वे माह में कम से कम 10 दिन जनपदों में सुनवाई करेंगे। देवरिया से इसकी शुरुआत हुई है। गुरुवार को गोरखपुर में एवं शुक्रवार को महराजगंज जनपद में आरटीआई प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। 18 से 20 जनवरी तक बहराइच जनपद में सुनवाई की जाएगी।
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