November 22, 2024

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

कविताओं के माध्यम से योगी ने अखिलेश पर साधा निशाना

राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर एवं महाकवि जयशंकर प्रसाद की कविता और रामचारित मानस की चौपाई के माध्यम से सीएम ने विपक्ष पर किया कटाक्ष

लखनऊ (यूपी)। विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कविताओं के माध्यम से विपक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर जमकर कटाक्ष किया। सदन में सीएम योगी ने अपनी बात रखते हुए राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की दो कविताओं पंक्तियां सुनाई। साथ ही उन्होंने महाकवि जयशंकर प्रसाद की एक कविता के माध्यम से उनकी सरकार द्वारा माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे बुल्डोजर को सही ठहराया। इसके आलावा उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस की चौपाई सुनाकर रामराज्य की अवधारणा को बताया। इस पर सत्ता पक्ष के लोग मेज थपथपाकर उनकी हौसला अफजाई की।

सीएम योगी ने कहा कि नेता विरोधी दल आज नहीं हैं। कल वह एक कविता सुना रहे थे जिसे वह पढ़ नहीं पा रहे थे। ”जाति! हाय री जाति!’ कर्ण का, हृदय क्षोभ से डोला। कुपित सूर्य की ओर देख, वह वीर क्रोध से बोला।। जाति-जाति रटते, जिनकी पूँजी केवल पाखण्ड। मैं क्या जानूँ जाति? जाति हैं, ये मेरे भुजदण्ड।” उन्होंने कहा कि जाति, जाति करेंगे और पेशेवर माफिया को संरक्षण देकर किसी गरीब, कमजोर और अति पिछड़े को मरवाएंगे। उन्होंने बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि राजू पाल की क्या गलती थी? राजू की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि वह अपने बल पर चुनाव जीत गए थे।

सदन में अपने भाषण के दौरान सीएम योगी ने रामधारी सिंह दिनकर की एक और कविता सुनाई। “है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी के मग में? खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़, मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है”। इसके माध्यम से उन्होंने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के अपने संकल्प को दोहराया तथा विपक्ष को दृढ़ निश्चय और पुरुषार्थ के बल पर बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने का संदेश भी दिया।

इसके बाद सीएम योगी ने जयशंकर प्रसाद की कविता “वह पथ क्या पथिक, कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों। नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराऐं प्रतिकूल न हों।” सुनाई। साथ ही उन्होंने कहा कि जो शूल आप लोगों ने बोए थे उन्हें रोलर और बुल्डोजर चलाकर प्रदेशवासियों के लिए फूल उगाने का कार्य हम कर रहे हैं। यह देश रामराज्य से ही चलेगा। यह बजट रामराज्य की अवधारणा को पूरा करने और उसकी आधारशिला बनने वाला है।

अंत में सीएम योगी ने गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस की चौपाई “दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥ सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती”॥ इसके माध्यम से उन्होंने दैहिक दैविक भौतिक दुख को समाप्त करने के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को मूल मंत्र बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रामराज्य की अवधारणा को साकार करने का रास्ता यही मंत्र है।

आगे की खबरों के लिए आप हमारे Website पर बने रहें…

error: Content is protected !!