“जन सुराज पार्टी” बनाकर चुनाव लड़ सकते हैं “जन सुराज” के सूत्रधार प्रशांत किशोर

बिहार में 250 दिनों से पदयात्रा पर निकले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर, गांव-गांव जाकर लोगों को वोट की ताकत का एहसास करा रहे हैं
बिहार में अलख जगाने के लिए 250 दिनों से पदयात्रा कर रहे “जन सुराज” के सूत्रधार प्रशांत किशोर “जन सुराज पार्टी” बनाकर चुनाव लड़ सकते हैं। समस्तीपुर में पदयात्रा के दौरान उन्होंने इसका संकेत दिया है। कहा है कि चुनाव लड़ने के दो तरीके हो सकते हैं। पहला, कोई निर्दलीय चुनाव लड़े जिसकी मदद पूरी जन सुराज के लोग करेंगे। दूसरा, जन सुराज पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि अब इसका रूप क्या होगा ये अक्टूबर के आसपास निर्णय होने की संभावना मैं देखता हूं। पदयात्रा के दौरान मेरे पास लोगों के सुझाव आए हैं कि पूरी पदयात्रा खत्म करने में 2 से 3 साल का समय लगेगा। तो कम से कम जिन जिलों में पदयात्रा खत्म हो चुकी है और संगठन बन गया है, उन जिलों में जन सुराज को राजनीतिक रूप दिया जाए।
पदयात्रा के दौरान वह गांव-गांव जाकर लोगों को वोट की ताकत का एहसास करा रहे हैं। कहा कि हमनें जो जाति वाली परिकल्पना अपने मन में बैठा ली है वो ठीक नहीं है। बिहार में जाति एक बड़ी सच्चाई है, लेकिन बिहार में जाति उतनी ही बड़ी सच्चाई है जितना कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में है।
हम और आप बस मान बैठें हैं कि बिहार में जाति ही एक सच्चाई है। बिहार में हम में से कई लोग मानते हैं कि भाजपा का वोट बिहार में नहीं है मगर लोग मोदी के नाम से वोट देते हैं, तो मोदी की जाति के कितने लोग बिहार में रहते हैं? आज वो आदमी जो मोदी को वोट दे रहा है वो मोदी की जाति को देखकर वोट नहीं कर रहा है।
प्रशांत किशोर ने बुधवार को विभूतिपुर और रोसड़ा प्रखंड में 8.5 किलोमीटर पदयात्रा की। इस दौरान उन्होंने नरहन, बोरिया, मोहनपुर, महथी उत्तर, थतिया, चकथात पश्चिम गांव में जाकर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया।
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