July 22, 2025

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भारतीय रेल : 32,500 करोड़ की 2339 किमी. की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मिली मंजूरी

पूर्व मध्य रेल की 03 परियोजनाएं…गोरखपुर-छाबनी-वाल्मीकि नगर और चोपन-चुनार की मौजूदा लाइन का दोहरीकरण और सोननगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट शामिल

मंत्रिमंडल ने पीएम मोदी के “नए भारत” के विजन के अनुरूप भारतीय रेल में लगभग 32,500 करोड़ रुपये की कुल 2339 किलोमीटर की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इनमें पूर्व मध्य रेल की 03 परियोजनाएं शामिल हैं। इससे मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ाना, ट्रेनों का आवागमन सुचारू बनाना, भीड़-भाड़ कम करना एवं यात्रा और परिवहन को आसान बनाना संभव होगा।

परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 7.06 करोड़ मानव दिवसों के प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। यहीं नहीं क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप 200 एमटीपीए अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने केंद्र सरकार के शत-प्रतिशत वित्तपोषण से रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी दी।

देश के 9 राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करने वाली इन परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इसके अलावा राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जिससे भारतीय रेल के अति व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास संभव हो सकेगा।

ये हैं पूर्व मध्य रेल की 3 परियोजनाएं…

गोरखपुर कैंट-वाल्मिकीनगर दोहरीकरण:

लंबाई:  106.96 किमी

लागत:  1269.82 करोड़ रूपए

मंडल: समस्तीपुर

चोपन-चुनार दोहरीकरण:

लंबाई: 112.74 किमी

लागत: 1553.28 करोड़ रूपए

मंडल: धनबाद

सोननगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट:

लंबाई: 814.38 किमी

लागत: 13,605.98 करोड़ रूपए

मंडल: पंडित दीन दयाल उपाध्याय, धनबाद

ऐसे जानें कहां की किस परियोजनाओं में क्या शामिल हैं…

  • गोरखपुर-छाबनी-वाल्मीकि नगर-मौजूदा लाइन का दोहरीकरण
  • सोन नगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना-मल्टी ट्रैकिंग
  • नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रोड-विजयनगरम-तीसरी लाइन
  • मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन-मौजूदा लाइन का दोहरीकरण
  • गुंटूर-बीबीनगर-मौजूदा लाइन का दोहरीकरण
  • चोपन-चुनार-मौजूदा लाइन का दोहरीकरण
  • समखिअली-गांधीधाम-चार लाइन बनाना

ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 200 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) माल की ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद करेगा।

ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में मल्टी-टास्किंग कार्यबल बनाकर क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएंगी और उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करेंगी। ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो समेकित आयोजना से संभव हो सका है। इनकी बदौलत लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी।

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