घोसी उपचुनाव नजीर, सामजिक समीकरण नहीं जनता जिसे चाहेगी वहीं चुनाव जीतेगा…
सामजिक समीकरण नहीं जनता जिसे चाहेगी वहीं चुनाव जीतेगा, यह घोसी के उपचुनाव के परिणाम ने नजीर दे दिया है। यह सबक राजनैतिक पंडित और दलों के लिए है जो समीकरण का खेल खेलते हैं। घोसी की जनता ने यह पैगाम दे दिया कि उन्हें अपने बीच का नेता पसंद है न कि अपने फायदे के लिए दल बदल करने वाले। राजनीतिक दलों के लिए यह सबक है कि किसी भी तथाकथित जिताऊ उम्मीदवार पर आपना दांव लगाने से पहले उसकी जमीनी पकड़ और जनता का मूड भाप लेना चाहिए, वह भी तब जब अवसरबाद की झलक हो।
मूलत: आजमगढ़ के रहने वाले दारा सिंह चौहान बसपा के टिकट पर घोसी से दो बार सांसद रह चुके हैं। मोदी लहर में 2014 में दारा सिंह चौहान घोसी संसदीय सीट से हार गए थे। 2017 में इन्होंने बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था और योगी मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। करीब-करीब पूरा कार्यकाल बिताने के बाद 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में चले गए।
सपा ने इन्हें घोषी से चुनाव लड़ाया और घोषी की जनता ने अपना भरोसा जता विधायक बना दिया, पर इन्हें सपा की विधायकी रास नहीं आई और 2024 के लोकसभा चुनाव को टारगेट करते हुए विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर फिर भाजपा में शामिल हो गए। इनके त्यागपत्र के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव में भाजपा ने इन्हें अपना उम्मीदवार बना सामजिक समीकरण का दांव खेल दे दिया, जिसे जनता ने नकार दिया।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रीमंडल से बर्खास्त और साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा का दामन थामने के बाद मुख्यमंत्री योगी के मुखर आलोचक रहे सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर अब एनडीए के साझीदार हैं। ये अपनी बोली के लिए जाने जाते हैं। एनडीए में दोबारा वापसी के बाद भाजपा विरोधी स्वर धीमी पढ़ गई और जिसकी आलोचना करते नहीं थकते थे उनके गुणगान करने लगे।
अपनी बोली के जाने जाने वाले ओपी राजभर ने घोसी उपवचुनाव के परिणाम के बाद रविवार यानी 9 सितंबर 2023 को एक बयान देकर यूपी भाजपा नेताओं की बोलती बंद कर दी। अपने बयान में राजभर ने कहा कि एनडीए के मालिक पीएम नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रेपी नड्डा हैं। राजभर का वह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
घोषी उपचुनाव से पहले रातनीतिक गलियारे में ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने की खुब चर्चा रही, लेकिन घोषी चुनाव में एनडीए को मिली हार के बाद चर्चाओं पर विराम लग गया और दोनों नेताओं के कद और हद की चर्चाएं शुमार हो गईं। इसी बीच राजभर ने दिए अपने बयान में यह दावा कर दिया कि वे और दारा सिंह चौहान फिर भी मंत्री बनेंगे। इस बयान के बाद यूपी भाजपा का कोई भी नेता राजभर के बयान पर बोलने से परहजे करने लगा है। यूपी भाजपा नेताओं की ये चुप्पी मानों यहीं कह रही है कि इनके मालिक दिल्ली में बैठे हैं, वही जाने क्या करना है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी का एक सधा हुआ बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि एनडीए के साथ किसी दल विशेष का गठबंधन पार्टी की राज्य ईकाई का विषय नहीं है। गठबंधन में कौन शामिल होगा, से कितनी सीटें मिलेंगीं और कौन सी जिम्मेदारी दी जाएगी, यह पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तय करता है।
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