November 21, 2024

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प्रदेश में गहराए बिजली संकट पर ऊर्जा मंत्री ने दी सफाई, 18 अक्टूबर तक स्थिति सामान्य होने का दिया संकेत

गर्मी बढ़ने व तीस्ता बेसिन, सिक्किम में आई बाढ़ के कारण बिजली आपूर्ति में आई कमी, आज से होगा सुधार : ऊर्जा मंत्री

लखनऊ (यूपी)। राज्य के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बुधवार को जारी अपने बयान में प्रदेश में गहराए बिजली संकट पर सफाई दी। एक-एक कारण गिनाया और इस संकट से उबरने के लिए 18 अक्टूबर तक का संकेत दिया है। कहा कि तब तक स्थिति सामान्य होने की पूर्ण संभावना है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गर्मी बढ़ने व तीस्ता बेसिन, सिक्किम में आई बाढ़ के कारण और केंद्रीय सेक्टर से बिजली उपलब्धता में कम होने के कारण प्रदेश में डिमांड के अनुरूप आपूर्ति में कमी आई है, जिसमें आज से सुधार शुरू हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम की परियोजनाओं की यूनिटों की वार्षिक मरम्मत के कारण बंद होने से प्रदेश में मांग और उपलब्धता में लगभग 03 हजार मेगावाट का अन्तर आया है। इसके कारण गत 09 अक्टूबर व 10 अक्टूबर को ग्रामीण क्षेत्रों में 03 से 04 घंटे की कटौती की गयी। उपलब्धता बढ़ाने के लिये हर संभव कोशिश की जा रही है। आज से आपूर्ति में सुधार होकर ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे बिजली की आपूर्ति प्रारम्भ हो जायेगी।

उन्होंने बताया कि 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक वर्ष 2022 में औसतन मांग 15133 मेगावाट थी, जबकि इस समय 2023 में यह बढ़कर 20042 मेगावाट पहुंच गयी है। उन्होंने उपभोक्ताओं से बिजली के अनावश्यक उपयोग पर संयम बरतने की अपील की है। कहा है कि ऊर्जा विभाग का पूर्ण प्रयास है कि वर्तमान संकट में जल्द से जल्द सुधार हो और लोगों को बिजली कटौती का कम से कम सामना करना पड़े। प्रदेश में निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को आपूर्ति दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि आज पीक आवर में मांग 21668 मेगावाट के मुकाबले विद्युत उपलब्धता 18995 मेगावाट है। 12 अक्टूबर को विद्युत उपलब्धता बढ़़कर 19472, 13 अक्टूबर को 19971, 14 अक्टूबर को 20056, 15 अक्टूबर को 20108, 16 अक्टूबर को 20190, 17 अक्टूबर को 20210 तथा 18 अक्टूबर को 20220 तक पहुंच जायेगी।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण तीन केन्द्रीय परियोजनाएं तीस्ता जल विद्युत परियोजना (1200 मेगावाट), एनएचपीसी तीस्ता-वी की 510 मेगावाट तथा 100 मेगावाट की दिक्चू परियोजना में उत्पादन ठप्प है। हर साल अक्टूबर में बिजली उत्पादन ईकाईयों की मरम्मत की जाती है। इस मरम्मत के कारण 1968 मेगावाट व 1340 मेगावाट क्षमता की विद्युत ईकाइयॉ तकनीकी कारणों से और केन्द्रीय सेक्टर की बन्द ईकाइयों से प्रदेश को विद्युत नहीं प्राप्त हो रही है। कोयले की गुणवत्ता की कमी के कारण भी 1300 मेगावाट का विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है।

उन्होंने बताया कि इस समय केंद्रीय सेक्टर की जो परियोजनाएं वार्षिक अनुरक्षण के कारण बन्द हैं। इसमें टीआरएन एनर्जी (390) मेगावाट ससान (660) सिंगरौली (500) केएसके (600) मेजा (660) टांडा 2 (660) मेगावाट परियोजनाएं शामिल हैं। फोर्स आउटेज के कारण जो यूनिटें उत्पादन नहीं कर रही हैं। उसमें बारा (660), उॅचाहार (500), हरदुआगंज (105), रोजा (300) और तीस्ता (200) शामिल है।

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