मजदूर दिवस पर विशेष रिपोर्ट…ग्रामीण परिवारों की कमाई में मनरेगा से महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी
पांच साल में मनरेगा में महिलाओं की संख्या में 8 फीसदी का इजाफा
01 मई मजदूर दिवस पर विशेष रिपोर्ट…
जिन्हें हम आधी आबादी कहते हैं यानी महिलाएं, परिवारों को पालने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। एक आंकड़े से यह बात सामने आई है कि घर का चूल्हा-चौका संभालते हुए ग्रामीण परिवारों की कमाई में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। पांच साल में मनरेगा में महिलाओं की संख्या में 8 फीसदी का इजाफा हुआ है…
यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में हाल के वर्षों में मनरेगा ग्रामीणों के रोजगार का बड़ा साधन बनकर सामने आया है। मजदूरी कम होने के बावजूद अन्य सुविधाओं ने इस ओर ग्रामीणों को आकर्षित किया है। पिछले पांच सालों के मनरेगा के आंकड़ों को देखने से यह पता चलता है कि ग्रामीण महिलाएं तेजी से घर की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देने में आगे बढ़ी हैं। 2019-20 में मनरेगा के तहत काम करने वाली महिलाओं की संख्या जो 35 फीसदी थी, अब वह बढ़कर 43 फीसदी हो गई है। मनरेगा के कामों में महिलाओं को मेट बनाने से इनकी आमदनी भी बढ़ी है।
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 यानी एक अप्रैल से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में सात रुपये इजाफा होने के साथ ही अब 237 रुपये प्रतिदिन दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए 33 करोड़ मानव दिवस का आवंटन यूपी को किया है। इतने दिनों का काम पूरा होने पर और मानव दिवस यूपी को मिलेंगे, अनुमान है कि वित्तीय वर्ष के अंत तक यूपी में मजदूरों को करीब 36 करोड़ मानव दिवस पर काम करने का अवसर मिल जाएगा। मानव दिवस आवंटन के लिहाज से कोरोना वर्ष 2020-21 में हुए रिकार्ड 39.45 करोड़ मानव दिवस काम के बाद चालू वित्तीय वर्ष का आंकड़ा ही सबसे बड़ा होगा। 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 31 करोड़ मानव दिवस ही यूपी को मिल सके थे।
यूपी में मनरेगा के तहत मानव दिवस
- 2018-19-21.21 करोड़
- 2020-21 (कोरोना वर्ष)-39.45 करोड़ (अब तक का सर्वाधिक)
- 202-22-32.46 करोड़
- 2022-23-28.78 करोड़
- 2023-24-31 करोड़
- 2024-35-33 करोड़ मानव दिवस आवंटित हुआ है
- यूपी में कुल पंजीकृत मनरेगा श्रमिक करीब 3 करोड़ 21 लाख
- कुल सक्रिय श्रमिक करीब 1 करोड़ 62 लाख
- 99.94 फीसदी सक्रिय श्रमिकों की आधार सीडिंग (आधार से जोड़ा गया है)
- मनरेगा में 43 फीसदी श्रमिक महिलाएं हैं
31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में यूपी में मनरेगा की स्थिति
2023-24 में – 24.93 लाख महिला श्रमिकों को मनरेगा से रोजगार मुहैया कराया गया। 21660 महिला मेटों को रोजगार दिया गया। 75924 व्यक्तिगत लााभार्थीपरक कार्य कराए गए। अकेले मनरेगा से ही यूपी में 15.29 लाख पौधरोपण का कार्य किया गया। मनरेगा योजना से 3.33 लाख काम पूरे कराये गए। जिसमें, नाली, खड़ंजा, खेल का मैदान, अमृत सरोवर आदि शामिल हैं।
आइए जानते हैं कि 1 मई को मज़दूर दिवस क्यों मनाते हैं…मजदूर दिवस प्रतिवर्ष 1 मई को मजदूरों के अधिकार दिलाने मजदूर संगठनों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। यह 1886 में शिकागो में मजदूरों के 8 घंटे कार्य करने की मांग की जीत के फलस्वरूप मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मजदूरों के अधिकार के लिए लड़ने वाले लोगों के बलिदान को याद करना भी है। भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत लेबर पार्टी ने 1 मई 1923 को चेन्नई में की थी।
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