July 23, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

जब जेब गरम हो तब Right to Information के तहत मांगे जानकारी, नहीं तो पीछे हटना पड़ेगा

देवरिया : विजय राव।

देवरिया : विजय राव।

देवरिया जिले में आया ताजा मामला, देवरिया नगर पालिका परिषद प्रशासन ने जानकारी देने के एवज में मांगा डेढ़ लाख

UP: यदि आप Right to Information अधिनियम के तहत जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपकी जेब गरम होनी चाहिए, नहीं तो आपको अपनी मांगी गई जानकारी से पीछे हटना पड़ेगा। ताजा मामला देवरिया जनपद से सामने आया है, जो चर्चे में है। आवेदक को अपनी सूचना की जानकारी के लिए मोटी रकम सरकारी चार्ज के रूप में अदा करने का नोटिस थमाया गया है। मामला देवरिया नगर पालिका परिषद से जुड़ा बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि शहर के वार्ड संख्या-पुराना 24, अब 23 कर दिया गया है के निवासी विजय राव पुत्र स्व. रामायन राव, राघव नगर देवरिया ने Right to Information अधिनियम के तहत वित्तीय वर्ष 2012 से लेकर 2024 तक टैक्सी स्टैंड व टेंपो स्टैंड की नीलामी व विभागीय वसूली की जानकारी के लिए जन सूचना अधिकारी/अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद देवरिया को 28 अगस्त 2024 को आवेदन दिया था। जानकारी तो नहीं मिली, लेकिन तकरीबन एक माह माह बाद 24 सितंबर 2024 को सूचना अधिकारी/अधिशासी अधिकारी को स्टैंड लिपिक ने एक पत्र जारी किया।

पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 13 वर्ष की वित्तीय वर्ष की सूचनाएं संकलित करनने के लिए एक टीम का गठन किया जाना आवश्यक है। इसमें 4 कुशल आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की आवश्यकता है। इस कार्य में तकरीबन 4 माह का समय लगेगा। इस अवधि के दौरान सूचना संकलन करने के लिए कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन और सूचना से संबंधित संकलन कार्य हेतू अनुमानित राशि 01 लाख 50 हजार रुपए आवेदक को जमा करने की सूचना दी जाए। इसके बाद 27 सितंबर को आवेदक को स्टैंड लिपिक की जारी पत्र की कॉपी के साथ मांगी गई सूचना की जानकारी के एवज में डेढ़ लाख रुपए अदा करने के लिए नोटिस थमा दिया गया। अब जब उक्त राशि जमा होगी, तब मांगी गई सूचना की जानकारी जुटाने में नप प्रशासन जुटेगा।

यह भी पढ़ें…अब सत्ता पाने की ओर बढ़ा “जन सुराज” का अभियान

इस संबंध में अपने बयान में आवेदक विजय राव ने कहा कि मैंने Right to Information अधिनियम के तहत वित्तीय वर्ष 2012 से लेकर 2024 तक टैक्सी स्टैंड व टेंपो स्टैंड की नीलामी व विभागीय वसूली की जानकारी के लिए आवेदन दिया था। हास्यास्पद है कि आज कंप्यूटर के इस युग में नप प्रशासन को 4 माह का समय और 4 कुशल आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और वेतन के लिए डेढ़ लाख रुपए की आवश्यकता है। जबकि आज के समय में कंप्यूटर का एक बटन दबाते ही रिपोर्ट सामने आ जाती है।

आवेदक ने कहा कि बात यह नहीं है, बात यह है कि देवरिया नगर पालिका प्रशासन मांगी की सूचना की जानकारी देना ही नहीं चाहता है, यदि जानकारी देगा तो उसके भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी। इसलिए नप प्रशासन ने उक्त पैरामीटर फिक्स कर नोटिस दिया है। आवेदक ने बताया कि नप प्रशासन के नोटिस के जवाब में आपत्ती दर्ज करा दी गई है, जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि मांगी गई जानकारी वर्षवार है न कि दिनवार है। आवेदक ने कहा कि नप प्रशासन की नीयत में खोट है, यदि नियत साफ होती तो नप प्रशासन के पास हर वित्तीय वर्ष का हिसाब होगा और वह आसानी से जानकारी दे सकता है। खर्च के नाम पर डेढ़ लाख रुपए का डिमांड इसलिए किया गया कि आवेदक पीछे हट जाए। आवेदक ने कहा कि यदि उसे यहां न्याय नहीं मिला तो वह ऊपर का दरवाजा खटखटाएगा।

जानें क्या है Right to Information अधिनियम

मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ 2005 में एक अधिनियम लागू किया गया, जिसे सूचना का अधिकार Right to Information अधिनियम यानी RTI कहा गया। इसके अंतर्गत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है। बस शर्त यह है की RTI के तहत पूछी जाने वाली जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें…लखनऊ में अनुप्रिया पटेल ने कहा, समाज को सशक्त करने के लिए जातिवार गणना जरूरी है

यह भी पढ़ें…बिहार की सियासत में पूरी तरह से उतरे प्रशांत किशोर

यह भी पढ़ें…18 साल बाद सूर्य, केतु और शुक्र की त्रियुतियोग से तीन राशियों के भाग्य पलट जाएंगे…

आगे की खबरों के लिए आप हमारे Website पर बने रहें…

error: Content is protected !!