May 30, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

अनुप्रिया पटेल ने कहा, “हमारी कोशिश है कि स्वास्थ्य सेवा प्रत्येक नागरिक का अधिकार बने, न कि विशेषाधिकार”

अनुप्रिया पटेल।

नई दिल्ली में 19वें आईसीडीआरए सम्मेलन को संबोधित करतीं अनुप्रिया पटेल।

नई दिल्ली में आयोजित है 19वें अंतर्राष्ट्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (आईसीडीआरए) सम्मेलन, इसमें 200 से अधिक देशों के नियामक प्रतिनिधि और स्वास्थ्य अधिकारी भाग ले रहे हैं, यहां अनुप्रिया पटेल ने बताया भारत का हेल्थकेयर विज़न

NEW DILHI: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स 2019 और मेडिकल डिवाइस रूल्स 2017 ने वैज्ञानिक और नैतिक अनुसंधान को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बताया कि इन नियमों के तहत मेडिकल डिवाइस के लिए जोखिम-आधारित वर्गीकरण और पंजीकरण प्रक्रियाएं लागू की गई हैं, जिससे नियामक मानकों में सुधार हुआ है।

उक्त बातें उन्होंने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित 19वें अंतर्राष्ट्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (आईसीडीआरए) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। यह सम्मेलन 14 से 18 अक्टूबर तक स्वास्थ्य मंत्रालय के केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसमें 200 से अधिक देशों के नियामक प्रतिनिधि और स्वास्थ्य अधिकारी भाग ले रहे हैं।

अनुप्रिया पटेल ने बताया कि भारत को आईएमडीआरएफ की संबद्ध सदस्यता और फार्माकोपियल चर्चा समूह (पीडीजी) से मान्यता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धियां भारतीय दवा नियामक प्रणाली के सामंजस्य और वैश्विक मान्यता का प्रमाण हैं। उन्होंने जोर दिया कि ई-गवर्नेंस के साथ नियामक प्रक्रियाओं में सुधार से भारत ने चिकित्सा उत्पादों के नियमन में उच्च मानक स्थापित किए हैं।

आयुष्मान भारत योजना की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना 500 मिलियन से अधिक लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि स्वास्थ्य सेवा प्रत्येक नागरिक का अधिकार बने, न कि विशेषाधिकार।”

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्वास्थ्य सेवा को सशक्त बना रही है, जिससे रोगी देखभाल और अनुसंधान में तेजी आई है। उन्होंने सभी से बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया और कहा, “आईसीडीआरए केवल एक सम्मेलन नहीं है, बल्कि यह सहयोग और नवाचार का एक मंच है, जहां हम सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य के अपने साझा मिशन को पूरा कर सकते हैं।”

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने इस अवसर पर कहा कि गुणवत्तापूर्ण दवाएं मानव उत्पादकता और जीवनशैली को बेहतर बनाती हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा विकसित आठ टीकों की सराहना की और कहा कि ये टीके वैश्विक बाजार की तुलना में कम लागत पर उपलब्ध कराए गए। उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली और प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी जोर दिया।

अनुप्रिया पटेल ने कहा आईसीडीआरए 2024 सम्मेलन भारत की वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह आयोजन दवाइयों के बेहतर विनियमन और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग का एक महत्वपूर्ण अवसर है। डब्ल्यूएचओ की सहायक महानिदेशक डॉ. युकिको नाकातिनी ने कहा कि महामारी के बाद यह सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने भारत की वैक्सीन विनियमन प्रणाली की सराहना की और इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बताया।

यह भी पढ़ें…

सियासत की रणभूमि में फिर दिखेगा “एनडीए बनाम इंडिया” का चटक रंग

आगे की खबरों के लिए आप हमारे Website पर बने रहें…

error: Content is protected !!