राजनीति के चौसर पर हरियाणा में बनी सामाजिक संतुलन की सरकार

पद एवं गोपनियता की शपथ लेती हरियाणा सरकार।
नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार ली शपथ, मंत्रिमंडल के 13 मंत्रियों में पांच चेहरे ओबीसी समुदाय से चुने गए , पंचकूला में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए के नेता
HARYANA : तमाम सियासी उठा-पटक के बाद अंतत: राजनीति के चौसर पर हरियाणा में सामाजिक संतुलन की सरकार का गठन हो गया। हरियाणा में राजनीतिक स्थिरता की नींव रखते हुए नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पंचकूला में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। सैनी के साथ 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस अवसर पर पंचकूला में जगह-जगह स्वागत पोस्टर लगाए गए थे, जिससे शहर में जश्न का माहौल दिखा।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। नवनिर्मित मंत्रिमंडल में सामाजिक संतुलन बनाए रखने के प्रयास साफ तौर पर दिखे, जिसमें ओबीसी, जाट, ब्राह्मण, अनुसूचित जाति (SC) सहित विभिन्न समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया गया।
मंत्रिमंडल में संतुलित सामाजिक प्रतिनिधित्व
नायब सिंह सैनी की सरकार के 13 मंत्रियों में सबसे ज्यादा पांच चेहरे ओबीसी समुदाय से चुने गए हैं। इसके अलावा जाट, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति वर्ग से दो-दो मंत्रियों को शामिल किया गया है। पंजाबी, राजपूत और वैश्य बिरादरी से एक-एक मंत्री ने शपथ ली है, जो सामाजिक संतुलन को दर्शाता है।
अनिल विज ने मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर शपथ ली। वह पंजाबी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। कृष्णलाल पंवार अनुसूचित जाति वर्ग से हैं और उन्होंने तीसरे स्थान पर शपथ ली। राव नरबीर चौथे स्थान पर शपथ लेते हुए ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। महिपाल ढांडा, जो जाट समुदाय का एक अहम चेहरा माने जाते हैं, ने पांचवें स्थान पर शपथ ग्रहण किया।
वैश्य बिरादरी से विपुल गोयल ने छठे स्थान पर शपथ ली, जबकि अरविंद शर्मा ने सातवें नंबर पर शपथ लेकर ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व किया। श्याम सिंह राणा ने राजपूत समुदाय से आठवें स्थान पर शपथ ली। रणबीर गंगवा ने नौवें स्थान पर ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व किया। दसवें स्थान पर कृष्ण कुमार बेदी ने अनुसूचित जाति वर्ग से मंत्री पद की शपथ ली।
श्रुति चौधरी, जो पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती हैं, ने ग्यारहवें स्थान पर शपथ ली। आरती राव, जो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी हैं, ने बारहवें स्थान पर शपथ ग्रहण की। राजेश नागर ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली और वह भी ओबीसी समुदाय से आते हैं। अंतिम मंत्री के रूप में गौरव गौतम ने ब्राह्मण समुदाय से स्वतंत्र प्रभार मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया।
नई सरकार से उम्मीदें और चुनौतियां
हरियाणा की नई सरकार से लोगों को उम्मीद है कि वह राज्य में विकास की रफ्तार को बढ़ाएगी और सामाजिक संतुलन बनाए रखेगी। मंत्रिमंडल में सभी प्रमुख वर्गों को शामिल कर भाजपा ने संतुलित प्रतिनिधित्व का संकेत दिया है, जिससे हर वर्ग को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है। हालांकि, नई सरकार के सामने बेरोजगारी, कृषि सुधार, और औद्योगिक विकास जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं, जिनका समाधान उसकी प्राथमिकता होगी।
नायब सिंह सैनी का यह दूसरा कार्यकाल राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा में नए संकल्पों के साथ शुरू हुआ है। मंत्रिमंडल में सामाजिक संतुलन पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार ने विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नई सरकार हरियाणा के विकास और जनता की अपेक्षाओं पर कितनी खरा उतरती है।
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