May 30, 2025

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पूर्वांचल के देवरिया में शुरू हुई मखाना की खेती की महक अब प्रदेश के 18  जनपदों तक पहुंची

मखाना की फसल।

मखाना की फसल।

योगी सरकार ने रखा चिह्नित जनपदों में 10 हेक्टेयर मखाना उत्पादन का लक्ष्य, प्रदेश में कुल 180 हेक्टेयर में होगी मखाने की खेती, योजना का मकसद रोजगार सृजन के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि करना

LUCKNOW (UP) : बिहार के बाद मखाना की खेती की शुरुआत करने वाला देवरिया पूर्वांचल और गोरखपुर मंडल का पहला जिला है, अब खेती सूबे के 18 जिलों में की जाएगी। यानी देवरिया में मखाना की खेती की महक प्रदेश के 18 जनपदों तक पहुंचेगी। बताया जाता है कि वैज्ञानिक अध्ययन में यह पाया गया है कि चिह्नित जनपदों की जलवायु में मिथिला जैसी उत्पादकता देने का सामर्थ्य है।

अब इस खेती को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने भी अपनी मुहर लगा दी है। मखाना की खेती के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपए का अनुदान मिलेगा। यह योजना प्रदेश के 18 जिलों में शुरू की गई है। यह कार्य उद्यान विभाग एकीकृत बागवानी विकास मिशन के नवान्मेषी कार्यक्रम के अंतर्गत कर रहा है। योजना का मकसद रोजगार सृजन के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि करना है।

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सूबे के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने जारी अपने बयान में इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि मखाना खेती की विभाग द्वारा अनुमन्य इकाई की लागत 80 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर है, जिसमें सरकार 50 प्रतिशत यानी 40 हजार रुपए का अनुदान दे रही है। इसके लिए किसानों को जिला उद्यान अधिकारी के पास पंजीकरण कराना होगा।

मंत्री ने बताया कि योजना के तहत चिह्नित जनपदों में 10 हेक्टेयर मखाना उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इससे प्रदेश में कुल 180 हेक्टेयर में मखाने की खेती होगी। प्रदेश के लखनऊ, सीतापुर, सुल्तानपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलिया, कुशीनगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, बरेली, अयोध्या और गोरखपुर जनपद में इस योजना को लागू किया जा रहा है। इन जिलों में मखाने की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और संसाधन उपलब्ध हैं, जहां तालाबों और निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति मखाना उत्पादन के लिए अनुकूल है।

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