शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए नए कॉलेजों और पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए समय सारिणी निर्धारित…

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय।
नए बीएड कॉलेजों और स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर के अतिरिक्त पाठ्यक्रमों के लिए अनापत्ति प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तारिख 15 दिसंबर 2024 तय
LUCKNOW (UP) : यूपी की योगी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025-26 में बीएड पाठ्यक्रम के अतिरिक्त नए महाविद्यालयों और संस्थानों की स्थापना और मौजूदा कॉलेजों में नए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए समय सारिणी निर्धारित कर दी है। इसके तहत 15 दिसंबर 2024 तक विश्वविद्यालयों में नए पाठ्यक्रमों के लिए अनापत्ति प्रस्ताव ऑनलाइन जमा करने की अंतिम तिथि भी तय कर दी गई है।
तय गाइड लाइन के मुताबिक 16 दिसंबर 2024 से 20 जनवरी 2025 तक भूमि अभिलेखों का राजस्व विभाग से सत्यापन कराया जाएगा। प्राप्त अनापत्ति प्रस्तावों को 7 दिनों के भीतर जिलाधिकारी को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा और एक महीने के भीतर सत्यापन रिपोर्ट संबंधित विश्वविद्यालय को ऑनलाइन भेजनी होगी। 31 जनवरी 2025 तक अनापत्ति आदेश ऑनलाइन जारी किया जाएगा।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने जारी अपने बयान में बताया है कि यदि विश्वविद्यालय के निर्णय के विरुद्ध अपील करनी हो, तो 10 फरवरी 2025 तक शासन में अपील की जा सकती है, जिसकी निस्तारण तिथि 20 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है। बताया कि 28 फरवरी 2025 तक निरीक्षण मण्डल के गठन के लिए आवेदन किया जाएगा और 5 मार्च 2025 तक विश्वविद्यालय द्वारा निरीक्षण मण्डल का गठन कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल 2025 तक निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी और 20 अप्रैल 2025 तक सम्बद्धता प्रदान की जाएगी। सम्बद्धता से संबंधित अपीलें 31 मई 2025 तक निपटाई जाएंगी।
उधर, उच्च शिक्षा मंत्री के बयान जारी करने के बाद प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने बताया कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को भूमि संबंधी अभिलेखों के सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं। इसमें खतौनी, संयुक्तता प्रमाण पत्र और स्थलीय सत्यापन शामिल हैं। बताया कि यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई आपत्ति अनुचित पाई गई तो इसे अनुचित समझा जाएगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि निरीक्षण मण्डल के पैनल के गठन के संबंध में विशेषज्ञों और सदस्य सचिव की उपस्थिति अनिवार्य होगी और निरीक्षण तिथियों की जानकारी पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी। पैनल की तिथि पर निरीक्षण न होने की स्थिति में आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पैनल सदस्यों की सत्यनिष्ठा और कार्य आचरण का वार्षिक रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। निरीक्षण मंडल द्वारा प्रस्तुत आख्या शासनादेश के अनुसार होगी और इसकी शुचिता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा गठित समिति इसकी प्रति-सत्यापन भी कर सकती है।
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