DEORIA में चकबंदी लेखपाल निलंबित, भाटपाररानी बीडीओ को Adverse Entry
धोखे से एमडीएम खाते से एक लाख रुपए अतिरिक्त निकालने पर प्राथमिक विद्यालय पिपरा दक्षिण पट्टी के प्रधानाध्यापक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का डीएम ने दिया निर्देश
DEORIA (UP) : खबर है कि डीएम दिव्या मित्तल ने जन समस्याओं के निस्तारण में कोताही बरतने पर एक चकबंदी लेखपाल को निलंबित कर दिया है। साथ ही प्रभावी कार्रवाई न करने पर भाटपाररानी बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि (Adverse Entry) और धोखे से एमडीएम खाते से एक लाख रुपए अतिरिक्त निकासी करने वाले एचएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की कार्रवाई करने का निर्देश डीएम ने दिया है।
खबर के मुताबिक बताया कि भाटपाररानी तहसील में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। यहां मधउर गांव निवासी बृजनन्दन पुत्र रामप्रीत ने डीएम को एक शिकायती पत्र दिया। उसमें चकबंदी लेखपाल अमरनाथ गुप्ता पर इंतखाप नहीं दिया, तब चकबंदी सीओ से शिकायत की, बावजूद लेखपाल ने तीन बार दौड़ाया और बाद में अहस्ताक्षरित इंतखाप दिया। जब लेखपाल से हस्ताक्षरित इंतखाप की मांग की तो वो टालमटोल करने लगा। डीएम ने जब इस मामले की जांच कराया तो आरोप सही पाया गया। इसके बाद डीएम ने चकबंदी लेखपाल तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दिया। बृजनन्दन को हस्ताक्षरित इंतखाप उपलब्ध कराया गया।
दूसरी कार्रवाई में प्राथमिक विद्यालय पिपरा दक्षिण पट्टी के प्रधानाध्यापक रामेंद्र कुमार गौतम पर ग्राम प्रधान ने धोखे से हस्ताक्षर कराकर मध्याह्न भोजन निधि से एक लाख रुपए अतिरिक्त धन का आहरण कर लिए जाने की शिकायत की गई। इसके बाद डीएम ने बीएसए को उक्त प्रधानाध्यापक के खिलाफ निलंबन की कारवाई कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
तीसरी कार्रवाई करौदा गांव निवासी संतोष कुमार सिंह ने चकमार्ग पर अतिक्रमण से जुड़े प्रकरण की शिकायत की। जांच में सामने आया कि इस प्रकरण के निस्तारण के लिए डीएम ने बीडीओ भाटपाररानी को पूर्व में भी निर्देशित किया था, लेकिन बीडीओ न कोई प्रभावी कार्रवाई की और न ही उच्चाधिकारियों को कोई जानकारी दी। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई और बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया।
कानून व्यवस्था से संबंधित मामलों की सुनवाई एसपी संकल्प शर्मा ने की और सभी पुलिस अधिकारी व थानाध्यक्षों को प्रत्येक मामले में मौके पर जाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
जारी सरकारी बयान में बताया कि संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 124 मामले आए। इसमें राजस्व विभाग के 88, पुलिस के 11, विकास विभाग से 8, शिक्षा विभाग से 2, स्वास्थ्य विभाग से 2 एवं अन्य विभागों से 13 प्रकरण शामिल है। इनमें 10 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। बाकी को 7 दिन के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान सीएमओ डॉ. राजेश झा, एसडीएम भाटपाररानी रत्नेश तिवारी, सीओ दीपक शुक्ला, जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, डीसी मनरेगा आलोक पांडेय, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार, डीएसओ संजय पांडेय, नायब तहसीलदार अभिजीत प्रताप सिंह सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
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