UP by-election : सीएम योगी ने की अहम बैठक, चुनाव जीतना लक्ष्य, प्रभारी मंत्रियों की जिम्मेदारियां तय
उपचुनाव को लेकर सियासत बढ़ी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा-पार्टी पूरी तैयारी कर चुकी है, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भाजपा पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी
LUCKNOW (UP) : उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत बढ़ गई है। सत्तधारी दल भाजपा हो या फिर विपक्षी पार्टी सपा, दोनों ही पार्टियां चुनाव जीतने के फार्मूले पर विचार मंथन में जुट गईं हैं। उपचुनाव वाली 10 सीटों की बात करें तो 2022 में संपन्न हुए चुनाव में 5 सीट भाजपा तो 5 सपा के खाते में थी। दोनों ही दल अपनी-अपनी साख बचाने के लिए अपना-अपना दांव चल रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी के नतीजे सबके सामने हैं। इसलिए यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि लोकसभा चुनाव में झटका खाने के बाद सत्ताधारी दल भाजपा अपनी साख बचाने में जुट गई है।
राजधानी लखनऊ में शनिवार को उपचुनाव जीतने के लक्ष्य को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम बैठक की। इस बैठक में सीएम योगी ने एक तरफ जहां हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करने का मंत्र दिया, वहीं दूसरी तरफ उपचुनाव जीतने के लिए प्रभारी मंत्रियों और भाजपा पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी।
योगी ने कहा कि प्रभारी मंत्री और पदाधिकारी उपचुनाव वाले जिलों में अधिक समय बिताएं। चौपाल के माध्यम से जनता की समस्याओं को समझा जाए और उनका समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव जीतना केवल चुनावी सफलता नहीं बल्कि जनता के विश्वास की जीत होगी, इसलिए हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम किया जाना चाहिए।
उपचुनाव को लेकर बुलाई गई इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री, जिलों के प्रभारी मंत्री और भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ चुनाव जीतने के पहलु पर व्यापक मंथन हुआ और फिर उपचुनाव वाली 9 सीटों पर को जीतने के लिए रणनीति तैयार की गई।
बैठक के दौरान योगी ने मंत्रियों और पदाधिकारियों के बीच आपसी समन्वय को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया। तय हुआ कि उपचुनाव में पार्टी का कोई भी नेता अपने निर्धारित क्षेत्र में जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में कोई कमी न छोड़े।
योगी ने ने कहा कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता बूथ स्तर तक चुनाव प्रबंधन को मजबूती से संभालने में जुट जाएं। उपचुनाव में हर सीट महत्वपूर्ण है और इसके लिए बूथ स्तर पर सटीक प्रबंधन और निगरानी आवश्यक है। पदाधिकरी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहें।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रभारी मंत्री और पदाधिकारी उन जिलों में अधिक समय बिताएं, जहां उपचुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में जाकर लोगों से सीधा संवाद स्थापित करें, उनकी समस्याओं को सुनें और त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। जिलों के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर चुनावी तैयारियों को और सुदृढ़ किया जाए।
बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पार्टी की तैयारियों का जायजा लिया और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। कहा पार्टी सभी 9 सीटों के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। विश्वास जताया कि पार्टी न सिर्फ 9 घोषित सीटों पर विजय प्राप्त करेगी बल्कि जल्द ही दसवीं सीट भी घोषित होगी और वह भी भाजपा के खाते में ही जाएगी।
इन विधानसभा सीटों पर होनें हैं उपचुनाव…
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उसमें 5 सपा और 5 एनडीए गठबंधन के पास थी। बीजेपी के खाते में 3 सीट थी। एक आरएलडी के पास थी और एक निषाद पार्टी के पास थी। 2022 में कटेहरी, करहल, सीसामऊ, कुंदरकी सीट सपा ने जीती थी। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट भी सपा के खाते में थी, जिस पर अभी तारीख नहीं तय हुई है। इसके अलावा फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद सदर, खैर, मीरापुर सीट पर उपचुनाव होना है। बैठक में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सूर्यप्रताप शाही, आशीष पटेल समेत राज्य के कई वरिष्ठ मंत्री और प्रभारी मंत्री समेत भाजपा के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
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