May 30, 2025

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लखनऊ में माटीकला मेला शुरू, आइए मिट्‌टी के शिल्पकारों के हांथों बनीं कलाकृतियां से दीपावली पर सजाएं अपना घर

लख्मनऊ: दीप जलाकर माटीकला मेले का शुभारंभ करते मंत्री राकेश सचान।

लख्मनऊ: दीप जलाकर माटीकला मेले का शुभारंभ करते मंत्री राकेश सचान।

मंत्री राकेश सचान ने किया उद्घाटन, दीपावली पर 30 अक्टूबर तक चलेगा 10 दिवसीय मेला, मिट्‌टी से बनीं कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र, हर कलाकृतियां अपने में खास अहसास करा रही हैं

LUCKNOW (UP) : राजधानी लखनऊ के डॉली बाग में सोमवार को माटीकला मेले का शुभारंभ हो गया। यहां मिट्‌टी से बनीं कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र हैं। हर कलाकृतियां अपने में खास अहसास करा रही हैं, तो आइए इस दीपावली पर अपना घर मिट्‌टी के शिल्पकारों के हांथों बनीं कलाकृतियों को लाकर अपना घर सजाएं।

30 अक्टूबर तक चलने वाले इस 10 दिवसीय माटीकला मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से शिल्पकार मिट्टी से निर्मित अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों को संजोकर लाया है। उनके लिए 50 स्टॉलों की व्यवस्था सरकार ने की है, जिसके माध्यम से वह अपनी कला को प्रदर्शित कर रहे हैं।

इस मेले का उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग और वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने किया। शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मंत्री ने माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी करीब से निहारा और एक स्टॉल पर चॉक चलाकर मिट्‌टी का दीया भी बनाया।

मेले में मिट़टी का दीया बनाते मंत्री राकेश सचान।
मेले में मिट़टी का दीया बनाते मंत्री राकेश सचान।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि योजना का जिक्र किया और कार्यों को गिनाया। कहा योगी सरकार माटीकला कारीगरों और उनके उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य रही है। मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत अब तक प्रदेश में 48 हजार माटीकला कारीगर परिवारों को चिह्नित किया गया है। इसके तहत 13,607 बिजली से चलने वाले चाक का वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2024-25 के लिए 2,325 बिजली से सलने वाले चाक और 375 पगमिल के वितरण का लक्ष्य रखा गया है।

मिट्‌टी के कला कृतियों को निहारते मंत्री राकेश सचान।
कलाकृतियों को निहारते मंत्री राकेश सचान।

मंत्री ने बताया कि माटीकला कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए 603 जोड़ी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की डाई, 31 पेंटिंग मशीन और 81 दीया मेकिंग मशीन वितरित की गई है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में 6 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (पीलीभीत, रामपुर, कन्नौज, अमरोहा, फिरोजाबाद और बाराबंकी) की स्थापना की जा चुकी है, जो माटीकला उद्योग को सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

मिट्‌टी से बने लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती को देखते मंत्री राकेश सचान।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती को देखते मंत्री राकेश सचान।

माटीकला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत पिछले 4 वर्षों में 880 लाभार्थियों को बैंक ऋण स्वीकृत कराकर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कराई गई है। इस वर्ष 300 नई इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिसके तहत पिछले 5 वर्षों में 13,583 कारीगरों को 3 दिवसीय आधुनिक उपकरण संचालन का प्रशिक्षण दिया गया है, 880 कारीगरों को 7 दिवसीय उद्योग संचालन का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया है, और 5,286 कारीगरों को 15 दिवसीय शिल्पकारी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

शिल्पकारों के साथ मंत्री राकेश सचान।
शिल्पकारों के साथ मंत्री राकेश सचान।

मंत्री ने बताया कि इस वर्ष दीपावली के अवसर पर लखनऊ के साथ ही कानपुर, झांसी और वाराणसी में भी 7 दिवसीय भव्य माटीकला मेले का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश के 71 अन्य जनपदों में 3 दिवसीय लघु माटीकला मेले का आयोजन किया जा रहा है। इससे शिल्पकारों को अपने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए व्यापक मंच मिलेगा।

मंत्री ने जनता से अपील किया कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक संख्या में आएं और शिल्पकारों द्वारा निर्मित कलात्मक उत्पादों की खरीदारी करें, ताकि शिल्पकारों को प्रोत्साहन मिले और उनके उत्पादों को व्यापक पहचान मिल सके।

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