July 2, 2025

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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, भारत-जर्मनी का संयुक्त सहयोग विश्व को लाभान्वित करेगा

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके) का किया उद्घाटन

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और जर्मनी का तालमेल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टर और हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक विकास को नई दिशा देगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का सहयोग उभरते उद्योगों को बढ़ावा देगा और नवाचार की नई राह खोलेगा।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली में 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके) के उद्घाटन के अवसर पर यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जर्मनी की सटीक अभियांत्रिकी और भारत की बुनियादी ढांचे में विस्तार की क्षमता मिलकर विश्व में कुछ असाधारण औद्योगिक मानक स्थापित कर सकती है।

मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक ढांचे पर आधारित है भारत का भविष्य

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक ढांचे पर आगे बढ़ रहा है और वैश्विक व्यवसायों के लिए भविष्य में सुधार, उदारता और तत्परता का माहौल बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है, जो नवाचार और हरित प्रौद्योगिकी के लिए नए अवसरों का सृजन कर रहा है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की प्रतिबद्धता

केंद्रीय मंत्री ने 2015 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP21) में भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और बताया कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) में भारत 7वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) और वैश्विक लक्ष्यों को पार करने के मार्ग पर है।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में निवेश के लिए लाभकारी अवसर

उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी निवास करती है और 2030 तक वैश्विक मध्यम वर्ग का दो-तिहाई हिस्सा यहीं होगा। यह जनसांख्यिकीय परिवर्तन व्यवसायों के विस्तार और पूंजी निवेश के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।

सर्वोत्तम प्रथाओं और तकनीकी प्रगति का मंच

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन न केवल उभरते रुझानों की पहचान करने में सहायक होगा, बल्कि तकनीकी प्रगति को भी बढ़ावा देगा। इसके माध्यम से भविष्य के औद्योगिक विकास के लिए नई नीतियों को आकार देने का अवसर मिलेगा।

भारत-जर्मनी साझेदारी से सामूहिक विकास की उम्मीद

उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं और नागरिकों को वास्तविक लाभ मिलेगा।

संस्कृति और विविधता को अपनाने का आह्वान

केंद्रीय मंत्री ने जर्मन दार्शनिक आर्थर शोपेनहावर के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा, “उपनिषदों को पढ़ना मेरे जीवन को सुखद बनाता है।” उन्होंने सभी प्रतिभागियों से भारत की संस्कृति और विविधता का स्वागत करने का आग्रह किया, विशेषकर दिवाली से क्रिसमस और नए साल के त्यौहारों के अवसर पर।

रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों से प्रेरित भविष्य निर्माण का आह्वान

अपने भाषण के समापन में उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर के शब्दों को उद्धृत किया, “उच्चतम स्तर की तरफ बढ़े, क्योंकि क्षमताएं आपके भीतर छिपी हैं। बड़े सपने देखें, क्योंकि हर सपना लक्ष्य से पहले देखा जाता है।” उन्होंने प्रतिभागियों से एक ऐसे भविष्य निर्माण का आग्रह किया, जहां नए उत्पादों का विकास हो, उद्योगों का नेतृत्व किया जाए और नवाचारों के माध्यम से दुनिया के हर कोने तक पहुंच बनाई जा सके।

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