November 21, 2024

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सरकार सख्त, अब बाजार से हटेंगे नकली हेलमेट

सरकार ने उन निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है, जो बिना BIS लाइसेंस के हेलमेट बना या बेच रहे हैं

नई दिल्ली। बाजार में बिकने वाले नकली और घटिया हेलमेट से आपका सिर तो ढका रहता है, लेकिन क्या यह वास्तव में आपकी जान बचा सकता है…?, इसी चिंता को दूर करने के लिए उपभोक्ता मामले विभाग ने आज से एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की है।

इस पहल का मकसद न सिर्फ सड़कों पर होने वाले हादसों से बचाव करना है, बल्कि लोगों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित हेलमेट के प्रति जागरूक करना भी है। यह अभियान हेलमेट की गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंताओं को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है, ताकि हर दोपहिया सवार की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

अमानक हेलमेट के कारण बढ़ता जोखिम

जांच में पाया गया है कि बाजार में कई ऐसे हेलमेट बिक रहे हैं, जो BIS के प्रमाणन के बिना हैं। ये हेलमेट देखने में असली लगते हैं, लेकिन दुर्घटना के समय जरूरी सुरक्षा देने में नाकाम रहते हैं। ऐसी स्थिति में न केवल उपभोक्ता को धोखा दिया जाता है, बल्कि उसकी जान भी जोखिम में पड़ जाती है।

निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई

सरकार ने उन निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है, जो बिना BIS लाइसेंस के हेलमेट बना या बेच रहे हैं। नकली ISI मार्क का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विक्रेताओं पर भी नजर रखी जा रही है। उपभोक्ता खुद भी BIS केयर ऐप या BIS वेबसाइट पर जाकर हेलमेट की प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं।

जागरूकता अभियान की जरूरत और अपील

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने इस अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हेलमेट जीवन बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे BIS-प्रमाणित हेलमेट का उपयोग करें और इस अभियान का हिस्सा बनकर अपने और अपने प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

सरकार की प्रतिबद्धता और कानून का प्रवर्तन

सरकार ने 1 जून 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू कर दिया है, जिसके तहत केवल BIS प्रमाणित हेलमेट ही बाजार में बेचे जा सकते हैं। बिना प्रमाणन के हेलमेट बेचना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 का उल्लंघन माना जाएगा। अब तक 162 लाइसेंस रद्द और 27 जब्ती अभियान चलाए जा चुके हैं।

विशेष अभियान के लिए जिला प्रशासन को निर्देश

उपभोक्ता मामले विभाग ने जिला कलेक्टरों (DC) और जिला मजिस्ट्रेटों (DM) को निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत रुचि लेकर बाजार में बिक रहे अमानक हेलमेट पर कड़ी नजर रखें। जिला पुलिस और BIS अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर इस अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

सड़क सुरक्षा अभियानों के साथ समन्वय

इस विशेष अभियान को मौजूदा सड़क सुरक्षा अभियानों से जोड़कर अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट न केवल दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर चोटों से बचाते हैं, बल्कि सड़क पर सुरक्षित सफर का भरोसा भी बढ़ाते हैं।

यह अभियान उपभोक्ता संरक्षण और सड़क सुरक्षा की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अमानक हेलमेट को बाजार से हटाकर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करना और BIS-प्रमाणित हेलमेट के उपयोग को प्रोत्साहित करना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है। विभाग ने सभी जिला अधिकारियों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय सहयोग देकर इसे सफल बनाएं और हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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