वैज्ञानिकों ने किया अल्ज़ाइमर रोग के उपचार के लिए नवीन अणुओं का विकास

वैज्ञानिकों का दावा, अल्ज़ाइमर रोग के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं विकसित नवीन अणु
वैज्ञानिक अध्ययन : वैज्ञानिकों ने सिंथेटिक, कम्प्यूटेशनल और इन-विट्रो अध्ययनों के माध्यम से अल्ज़ाइमर रोग (एडी) के उपचार के लिए नए अणुओं को तैयार और संश्लेषित किया है। दावा है कि इन अणुओं को गैर-विषाक्त और प्रभावी पाया गया है, जो इस रोग के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अल्ज़ाइमर रोग का प्रभाव
अल्ज़ाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे सामान्य रूप है, जो वैश्विक स्तर पर लगभग 75 प्रतिशत मामलों में देखा जाता है। यह मस्तिष्क और शरीर के बीच संचार को बाधित करता है, जिससे याददाश्त, सीखने की क्षमता और अनुकूली व्यवहार प्रभावित होते हैं। लगभग 55 मिलियन डिमेंशिया पीड़ितों में 60-70 प्रतिशत को अल्ज़ाइमर रोग होने की संभावना होती है। यह रोग मुख्य रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। इसके कारणों में उम्र से संबंधित मस्तिष्क परिवर्तन के साथ-साथ आनुवंशिक, पर्यावरणीय और जीवनशैली संबंधी कारक शामिल हैं।
मौजूदा उपचार और उनकी सीमाएं
अल्ज़ाइमर रोग के उपचार के लिए वर्तमान में एन-मिथाइल-डी-एस्पार्टेट (NMDA) रिसेप्टर प्रतिपक्षी मेमेंटाइन और तीन एंटी-कोलिनेस्टरेज़ दवाएं (डोनेपेज़िल, रिवास्टिग्माइन, गैलेंटामाइन) उपलब्ध हैं। हालांकि, ये उपचार केवल अल्पकालिक लाभ प्रदान करते हैं और इनके गंभीर दुष्प्रभाव नैदानिक उपयोग को सीमित करते हैं।
अगरकर शोध संस्थान का योगदान
पुणे स्थित अगरकर शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. प्रसाद कुलकर्णी और डॉ. विनोद उगले (एसईआरबी टीएआरई फेलो) ने तीन-घटक एक-पॉट प्रक्रिया का उपयोग कर नए अणुओं का विकास किया है। इन अणुओं का इन-विट्रो स्क्रीनिंग के माध्यम से मूल्यांकन किया गया और उन्हें कोलिनेस्टरेज़ एंजाइमों के खिलाफ प्रभावी पाया गया। ब्यूटिरिलकोलिनेस्टरेज़ की तुलना में ये अणु एसिटाइलकोलिनेस्टरेज़ के लिए अधिक चयनात्मक पाए गए। आणविक गतिशीलता सिमुलेशन ने भी इन अणुओं की एंजाइम पॉकेट में स्थिरता को प्रमाणित किया है।
भविष्य की संभावनाएं
इन अणुओं को और अधिक प्रभावी एंटी-एडी लिगैंड के रूप में अनुकूलित किया जा सकता है। शोधकर्ता भविष्य में प्रतिस्थापित कार्बाज़ोल और क्रोमीन क्लब्ड एनालॉग को संश्लेषित करने की योजना बना रहे हैं। इन अणुओं का उपयोग अन्य दवाओं के संयोजन में एडी के उपचार के लिए किया जा सकता है, जिससे दोहरे एंटी-कोलिनेस्टरेज़ दवाओं का विकास संभव होगा।
निष्कर्ष
सिंथेटिक, कम्प्यूटेशनल और इन-विट्रो अध्ययनों के मिश्रण के माध्यम से विकसित ये नए अणु अल्ज़ाइमर रोग के उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। बहुआयामी वैज्ञानिक दृष्टिकोण इस रोग के प्रभावी प्रबंधन के साथ समाज के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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