यूपी में ‘एक मंडल, एक विश्वविद्यालय’ के बाद अब ‘एक जिला, एक विश्वविद्यालय’ का लक्ष्य

UP: उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय।
लखनऊ समेत प्रदेश के 6 जिलों में ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ विकसित करने की प्रक्रिया शुरू
यूपी। राज्य में भविष्य की जरूरतों के अनुसार मॉडर्न और एडवांस्ड एजुकेशन हब के तौर पर विकसित करने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत लखनऊ समेत प्रदेश के छह जिलों में ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और बुंदेलखंड शामिल हैं। इसकी खास बात यह होगी कि इन स्पेशल एजुकेशन जोन (एसईजेड) में विभिन्न एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना के जरिए जीरो से लेकर यूनिवर्सिटी तक की शिक्षा दी जाएगी।
यह माना जा रहा है उत्तर प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ की इकॉनमी बनाने की दिशा में एजुकेशन सेक्टर का भी बड़ा योगदान होगा, इस लिए एजुकेशन सेक्टर को बाकायदा इंडस्ट्री के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। इस इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को कैबिनेट से स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में प्रदेश को वर्ल्ड क्लास क्वॉलिटी एजुकेशन का हब बनाने और ‘एक मंडल एक विश्वविद्यालय’ के बाद अब ‘एक जिला एक विश्वविद्यालय’ के लक्ष्य पर फोकस किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने जारी बयान में बताया है कि सीएम योगी के मार्गदर्शन में प्रदेश में एसईजेड की स्थापना को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार, लखनऊ के मोहान रोड पर प्रदेश के पहले एसईजेड की स्थापना होगी। यहां 785 एकड़ क्षेत्र में एजुकेशन सिटी का विकास किया जाएगा और विभिन्न एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना होगी। इसमें से 103 एकड़ क्षेत्र में विकास प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी हो चुका है। यह एसईजेड एक मॉडल की तरह कार्य करेगा, जिसकी तर्ज पर प्रदेश के अन्य 5 जिलों में भी एसईजेड की स्थापना होगी।
उच्च शिक्षा मंत्री के बयान के मुताबिक अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी, आगरा में आरबीएस कॉलेज व गौतम बुद्ध नगर में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी की अनयूज्ड लैंड पार्सल को उपयोग में लाया जाएगा। गोरखपुर और बुंदेलखंड में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन सभी एसईजेड में प्रत्येक में अधिकतम 8 व कुल मिलाकर 40 एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
उत्तर प्रदेश को क्वॉलिटी एजुकेशन के आधुनिक हब के तौर पर विकसित करने की दिशा में नई उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को कैबिनेट की स्वीकृति के बाद सरकार प्रदेश में ‘एक जिला एक विश्वविद्यालय’ के लक्ष्य को पूरा करने पर फोकस कर रही है।
उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव एम. पी. अग्रवाल ने अपने जारी बयान बताया कि विश्वविद्यालय के अभाव वाले जिले और विशेष तौर पर आकांक्षात्मक जिलों में 42 विश्वविद्यालयों व टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी। इन्हें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (एनईपी) के अनुसार बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के तौर पर विकसित किया जाएगा। वहीं, प्रदेश में एनआईआरएफ रैंकिंग वाले टॉप-50 और प्रख्यात विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट, पूंजीगत अनुदान समेत विभिन्न प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध संस्थानों, पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश में उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
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