May 30, 2025

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हरिद्वार : गंगा के तट पर दिखेगा संस्कृति, स्वच्छता और संरक्षण का संगम, 4 नवंबर को होगा गंगा उत्सव का भव्य आयोजन

139 जिलों में भी यह उत्सव जिला गंगा समितियों द्वारा मनाया जाएगा

हरिद्वार। हरिद्वार के पवित्र चंडी घाट पर इस साल 4 नवंबर को गंगा उत्सव का भव्य आयोजन होगा। यह उत्सव न केवल गंगा नदी के संरक्षण को प्रोत्साहन देगा, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को भी उजागर करेगा। गंगा उत्सव हर वर्ष राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसे गंगा को ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित किए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वर्ष का आयोजन विशेष रूप से अनूठा है, क्योंकि पहली बार इसे नदी के तट पर धूमधाम से मनाया जाएगा, जहां से संस्कृति और स्वच्छता का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा।

गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में भी यह उत्सव जिला गंगा समितियों द्वारा मनाया जाएगा। इसके अलावा, हर राज्य में एक प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें गंगा नदी के महत्व और इसके संरक्षण पर विशेष जोर रहेगा। गंगा उत्सव का नेतृत्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल करेंगे। उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी मुख्य अतिथि होंगे। अन्य केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

गंगा महिला राफ्टिंग अभियान का शुभारंभ

इस उत्सव के अंतर्गत बीएसएफ के सहयोग से गंगा महिला राफ्टिंग अभियान का भी शुभारंभ किया जाएगा। यह ऐतिहासिक अभियान 50 दिनों तक चलेगा और गंगा सागर पर समाप्त होगा। यह अभियान गंगा के किनारे के 9 प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगा और विभिन्न राज्यों में कई गतिविधियों के साथ आयोजित किया जाएगा।

रिवर सिटी एलायंस की भागीदारी

गंगा उत्सव 2024 को एक मॉडल कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें रिवर सिटी एलायंस के तहत देशभर के 145 नदी शहर हिस्सा लेंगे। यह गठबंधन नदी-संवेदनशील शहरी योजना के माध्यम से स्वच्छ और सतत प्रवाहित नदियों को सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत है, जिससे जल-सुरक्षित शहरों का निर्माण हो सके।

“गंगा संवाद” और तकनीकी सत्र का आयोजन

कार्यक्रम के दौरान “गंगा संवाद” नामक सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे। इस संवाद का उद्देश्य युवाओं को नदी संरक्षण से जोड़ना है। साथ ही, तकनीकी सत्र में जल प्रबंधन और नदी कायाकल्प के मुद्दों पर चर्चा होगी।

“घाट पर हाट” और सांस्कृतिक गतिविधियां

उत्सव में “घाट पर हाट” के तहत स्थानीय विभागों के स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां नमामि गंगे पहल की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाएगा। बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी, जादू शो, कठपुतली प्रदर्शन, चित्रकला प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, ताकि नई पीढ़ी में नदी संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

सांस्कृतिक यात्रा और खाद्य महोत्सव

गंगा उत्सव के दौरान नदियों की सांस्कृतिक यात्रा और उनसे जुड़ी कहानियों पर आधारित एक विशेष सत्र का भी आयोजन होगा। साथ ही, इस कार्यक्रम में एक छोटे खाद्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया जा सकेगा।

गंगा उत्सव 2024 का उद्देश्य और महत्व

यह उत्सव गंगा नदी के संरक्षण के प्रयासों को प्रोत्साहन देगा और नदी के ऐतिहासिक एवं पवित्र चरित्र को पुनर्स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गंगा नदी भारतीय सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रही है, और यह आयोजन उसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को समझने का अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

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