May 30, 2025

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दिल्ली की हवा में ज़हर, AQI 349 तक पहुंचा प्रदूषण

फसल जलाने से बढ़ा संकट, दीपावली से पहले बढ़ी चुनौती, क्या GRAP से मिलेगा समाधान…?

नई दिल्ली : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को ‘खराब’ श्रेणी में वर्गीकृत किया है। आज सुबह 6 बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 349 दर्ज किया गया, जो बढ़ते प्रदूषण के स्तर की ओर इशारा करता है।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। सीपीसीबी के मापदंडों के अनुसार, AQI 300 से 400 के बीच होने पर वायु गुणवत्ता ‘खराब’ मानी जाती है, जिसका मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों पर। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में प्रदूषक कणों की बढ़ती मात्रा सांस लेने में दिक्कत, खांसी और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है।

प्रदूषण बढ़ने के कारण

दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इनमें फसल अवशेषों का जलना, निर्माण गतिविधियों से निकलने वाला धूल कण, वाहनों का उत्सर्जन और बदलते मौसमी हालात शामिल हैं। ठंडी हवाएं और निम्न वायुमंडलीय दबाव भी प्रदूषकों को वातावरण में लंबे समय तक रोक कर रखते हैं।

प्रशासन की अपील

प्रदूषण के इस स्तर को देखते हुए, प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। दिल्ली सरकार ने सलाह दी है कि लोग बाहर की गतिविधियों को सीमित करें, खासकर सुबह और शाम के समय। सांस के मरीजों को मास्क पहनने और एयर प्यूरीफायर के उपयोग की सलाह दी गई है।

भविष्य की चुनौतियां

राज्य सरकार और नगर निगम प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यदि हालात नहीं सुधरते, तो ग्रीन ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक और वाहनों पर सख्त नियम शामिल होंगे। शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, दीपावली से पहले प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

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