November 21, 2024

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राजनीति : तेजस्वी यादव ने कहा ”अगर दारू उपलब्ध है, तो सरकार फेल है”, मुख्यमंत्री से अब बिहार नहीं संभल रहा

बिहार में शराबबंदी की विफलता पर राजनीति गरम हो गई है, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों ने न केवल सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि शराबबंदी की सफलता और अवैध शराब के बढ़ते कारोबार को लेकर बहस को भी नए सिरे से भड़का दिया है

राजनीति। बिहार में शराबबंदी की विफलता पर राजनीति गरम हो गई है। बिहार की राजनीति में शराबबंदी एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। शराबबंदी लागू होने के बावजूद राज्य में जहरीली शराब से होने वाली मौतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए इसे सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता का प्रतीक बताया। शनिवार को झारखंड से पटना लौटते ही तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत के दौरान साफ शब्दों में कहा, “अगर दारू उपलब्ध है, तो सरकार फेल है। मुख्यमंत्री से अब बिहार नहीं संभल रहा है।”

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तेजस्वी के आरोपों ने न केवल सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि शराबबंदी की सफलता और अवैध शराब के बढ़ते कारोबार को लेकर बहस को भी नए सिरे से भड़का दिया है। तेजस्वी का कहना है कि सरकार न केवल अवैध शराब बिकवा रही है, बल्कि गरीबों की मौत पर संवेदना व्यक्त करना भी जरूरी नहीं समझ रही। तेजस्वी के बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है, और सवाल यह है कि क्या शराबबंदी महज एक ढकोसला बनकर रह गई है…?

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तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का कानून केवल कागजों पर मौजूद है। राज्य में शराब की अवैध बिक्री में प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से गरीब लोग जहरीली शराब का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि छपरा, सिवान और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में भी जहरीली शराब से मौतें हो रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न तो कोई ठोस कार्रवाई की और न ही मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

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तेजस्वी ने नीतीश कुमार के 20 वर्षों के शासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार की स्थिति सुधरने की बजाय और बिगड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पंचायत स्तर तक शराब की दुकानें खुलवाई गईं, जिससे समाज में नशे की प्रवृत्ति बढ़ी। अब शराबबंदी के बाद भी जहरीली शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

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तेजस्वी यादव ने सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक मुख्यमंत्री या उनकी पार्टी के किसी नेता ने जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना तक नहीं जताई है। उनका कहना है कि बिहार सरकार केवल दिखावे के लिए शराबबंदी का दावा करती है, जबकि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार अवैध कारोबार में शामिल “बड़ी मछलियों” पर कार्रवाई करने से कतराती है।

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शराबबंदी लागू होने के बाद भी जहरीली शराब से लगातार मौतों का सिलसिला इस नीति की विफलता की ओर इशारा करता है। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर सियासी खींचतान तेज हो गई है। तेजस्वी यादव के बयानों ने इस बहस को और गरमा दिया है, जिसमें प्रशासनिक नाकामी और सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।

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बिहार में शराबबंदी की नीतियों को लेकर जनता के बीच गहरी असंतुष्टि है। तेजस्वी यादव के आरोपों ने इस असंतोष को और मुखर कर दिया है। यह स्पष्ट है कि अवैध शराब का कारोबार न केवल एक सामाजिक संकट है, बल्कि यह राज्य की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी चुनौती बन गया है। यदि सरकार इस समस्या का समाधान नहीं कर पाती है, तो इसका असर भविष्य के चुनावों पर भी पड़ सकता है। नीतीश सरकार के लिए यह आत्ममंथन का समय है, ताकि गरीबों की जान बचाने और जनता का विश्वास फिर से जीतने के ठोस कदम उठाए जा सकें।

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