May 30, 2025

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प्रकाश पर्व दीपावली का उल्लास आज पूरे देश में

आज कार्तिक अमावस्या की विशेष रात में दीपों की श्रृंखला से सजेंगे हर घर और आंगन

राष्ट्रीय : आज, 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व पूरे देश में रोशनी और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कार्तिक अमावस्या की इस विशेष रात में हर घर और आंगन दीपों की श्रृंखला से सजा होगा, जो केवल बाहरी अंधकार को ही नहीं, बल्कि हमारे दिलों के अंधकार को भी मिटाने का संदेश देता है। भारतीय परंपराओं में इस दिन का महत्व विशेष है, क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सबसे शुभ दिन माना गया है। देवी लक्ष्मी की पूजा से हम समृद्धि और खुशहाली का आह्वान करते हैं, तो गणेश जी के आशीर्वाद से जीवन के सभी विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

लक्ष्मी पूजन का महत्व और शुभ मुहूर्त

दिवाली के इस पर्व का मुख्य आकर्षण लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन है। प्रदोष काल में पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि यह देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे उपयुक्त समय होता है, जो जीवन में स्थायित्व और समृद्धि लाता है। इस वर्ष वृषभ लग्न में लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय शाम 6:27 बजे से रात 8:23 बजे तक रहेगा। यह लगभग 1 घंटा 57 मिनट का समय है। इसके बाद, मध्य रात्रि के सिंह लग्न में भी पूजन का एक और अवसर है, जो रात 12:53 बजे से लेकर भोर 3:09 बजे तक रहेगा।

पूजन विधि : कैसे करें विधिपूर्वक लक्ष्मी पूजन

लक्ष्मी और गणेश पूजन से पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करके, रंगोली बनाना अत्यंत शुभ माना गया है। पूजा चौकी के चारों कोनों पर दीपक जलाना और मूर्तियों को कच्चे चावल पर विराजित करना शुभता का प्रतीक होता है। ध्यान दें कि लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिनी ओर स्थापित करें, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजन के दौरान दो बड़े दीपक जलाने का भी विशेष महत्व है – एक में शुद्ध घी और दूसरे में तेल भरा जाता है। यह दीपक सुख और समृद्धि के प्रतीक होते हैं। अंत में, कुबेर, सरस्वती और काली माता का आह्वान करना भी लाभकारी माना गया है। यदि इनकी मूर्तियां हों, तो उन्हें भी पूजा स्थल पर विराजित कर विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।

पूजन सामग्री का महत्व : श्रद्धा और शुद्धता का प्रतीक

लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है। रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, मिठाई, घी और दीपक पूजा के दौरान उपयोग में आने वाले अनिवार्य तत्व हैं। ये सभी चीजें शुद्धता और आस्था का प्रतीक मानी जाती हैं। पूजा के दौरान पंचामृत से मूर्तियों का अभिषेक करने और सुगंधित अगरबत्ती जलाने से पूजा का महत्व बढ़ता है।

यह मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर-परिवार में धन-धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही, गणेश जी के आह्वान से सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं, जिससे घर में सुख और शांति का वातावरण बना रहता है।

दीपावली का संदेश : प्रकाश और सौहार्द का उत्सव

दीपावली सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मकता और सामूहिक सौहार्द का संदेश भी देता है। दीपों से सजे घर-आंगन समाज में उमंग और उत्साह का संचार करते हैं, जो हर व्यक्ति को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है। अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक यह पर्व हमारे जीवन को नई दिशा और उद्देश्य प्रदान करता है।

इस दिवाली घरों में दीप जलाने के साथ-साथ हर दिशा से खुशहाली और समृद्धि का स्वागत करें। कुबेर और सरस्वती के आह्वान से धन और ज्ञान की प्राप्ति होती है, जबकि काली माता का पूजन नकारात्मकता को दूर कर समाज में सुख और शांति का माहौल बनाता है।

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