आरके सिन्हा का पैर छूकर चौंकाए सीएम नीतीश
चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसा कदम उठाया जिसने सभी को चौंका दिया। नौजर घाट स्थित ऐतिहासिक श्री आदि चित्रगुप्त मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद, मुख्यमंत्री ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद और मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष आरके सिन्हा का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस अप्रत्याशित घटना ने न केवल पूजा स्थल पर मौजूद लोगों को हैरान किया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी एक नई चर्चा को जन्म दिया।
सौहार्द और सम्मान का अनूठा प्रदर्शन
आरके सिन्हा, जिन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें मंदिर के इतिहास से अवगत कराया, खुद भी नीतीश कुमार के इस कदम से चकित रह गए। जब नीतीश कुमार ने उनके पैर छुए, तो सिन्हा थोड़ा डगमगाए, जिसे देखकर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने उन्हें सहारा दिया। यह दृश्य न केवल राजनीतिक मतभेदों के बावजूद आपसी सम्मान का प्रतीक था, बल्कि यह दर्शाता है कि सार्वजनिक जीवन में शिष्टाचार और आदर की परंपरा आज भी जीवित है।
विज्ञान के युग में भी अंधविश्वास का शिकंजा
चित्रगुप्त पूजा में विशेष आराधना और प्रशासनिक सहभागिता
नीतीश कुमार ने भगवान चित्रगुप्त की विशेष पूजा कर राज्य में शांति और समृद्धि की कामना की। उनके साथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और मंत्री भी इस पूजा में शामिल हुए। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को महत्व देने के साथ-साथ प्रशासनिक भागीदारी को भी दर्शाता है।
राजनीतिक संदेश या महज शिष्टाचार?
नीतीश कुमार का यह कदम केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि इसमें राजनीतिक संदेश भी छिपा था। इससे पहले भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूने की कोशिश की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह महज शिष्टाचार है, या इसके पीछे एक सोची-समझी रणनीति है, जो व्यक्तिगत संबंधों को राजनीतिक लाभ में बदलने की कोशिश है?
धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बल
चित्रगुप्त पूजा, जो कर्मों का लेखा-जोखा करने वाले भगवान की आराधना है, बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा का अहम हिस्सा है। मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा दिया।
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